
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बच्चों को संबोधित किया. बच्चों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिन भर में चार बार शरीर से पसीने जरूर निकलना चाहिए. प्रधानमंत्री ने बच्चों से सवाल किया कि आप मैं से कितने लोग हैं जिन्हें दिन भर में चार बार पसीना आता है. बच्चों के जवाब के बाद उन्होने कहा कि किसी ने एक बार मुझसे पूछा था कि आप के चेहरे पर इतना तेज क्यों हैं? जवाब में मैंने कहा कि मेरे चेहरे से पसीना निकलता है. मैं उस पसीने से ही उसकी मालिश करता हूं, जिससे मेरे चेहरे पर तेज है. नरेंद मोदी ने कहा कि थोड़ी देर पहले आप सभी का परिचय जब हो रहा था, तो मैं सच में हैरान था. इतनी कम आयु में जिस प्रकार आप सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में जो प्रयास किए, जो काम किया है, वो अदभुत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि साहस ये हमारे स्वभाव में होना चाहिए. साहस के बिना जीवन संभव नहीं है. कोई अवॉर्ड आखिरी आयाम नहीं होता, एक प्रकार से ये जिंदगी की शुरुआत है. आपने मुश्किल परिस्थितियों में साहस दिखाया, किसी ने अलग-अलग क्षेत्रों नें उपलब्धियां प्राप्त की हैं.
प्रधानमंत्री ने बच्चों से बात करते हुए कहा कि मैंने लाल किले से कहा था कर्तव्य पर बल. ज्यादातर हम अधिकार पर बल देते हैं. आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी के लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये देखकर गर्व होता है. उन्होंने कहा कि आप सब कहने को तो बहुत छोटी आयु के हैं, लेकिन आपने जो काम किया है उसको करने की बात तो छोड़ दीजिए, उसे सोचने में भी बड़े-बड़े लोगों के पसीने छूट जाते हैं. मैं आप सभी युवा साथियों के ऐसे साहसिक काम के बारे में जब भी सुनता हूं, आपसे बातचीत करता हूं, तो मुझे भी प्रेरणा मिलती है, ऊर्जा मिलती है.
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बच्चों में सेना के प्रति सम्मान की भावना जगाते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इस देश में 33,000 पुलिस के जवान हम लोगों की सुरक्षा के लिए शहीद हुए हैं. उस पुलिस के प्रति आदर का भाव बनना चाहिए. इससे समाज में एक बदलाव शुरु हो जाएगा. आप सभी को पुलिस मेमोरियल देखने जरूर जाना चाहिए.
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