बिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे और पीएम नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रिटेन जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वीजा नियमों को उदार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि युवाओं की आवाजाही को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. वहीं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा कि उनके देश में आवेदन की अच्छी प्रणाली है.
मे की मौजूदगी में भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और यह साझा भविष्य के लिए देश की भागीदारी को परिभाषित करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमें शिक्षा तथा अनुसंधान क्षेत्र के अवसरों में युवा लोगों की भागीदारी और आवाजाही को अधिक प्रोत्साहन देना होगा.’’ मे कल भारत यात्रा पर यहां पहुंचीं. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले के बाद मे की यह पहली यात्रा है. उन्होंने, हालांकि इस पर कहा कि ब्रिटेन में आवेदनों के लिए ‘अच्छी प्रणाली’है.
बीबीसी के अनुसार मे ने कहा कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को पहले से ही आकर्षित कर रहा है. ‘‘भारत से मिलने वाले 10 वीजा आवेदनों में से नौ को स्वीकार किया जा रहा है.’’ ब्लूमबर्ग के अनुसार नई दिल्ली के लिए उड़ान के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ब्रिटेन के पास यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के लिए वीजा प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सर्वश्रेष्ठ और चमकदार प्रतिभाएं ब्रिटेन आएं.
उन्होंने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि हम अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा तथा चीन को मिलाकर जितने वीजा जारी करते हैं उससे अधिक कार्य वीजा भारतीयों को जारी किए जाते हैं.
ब्रिटेन की नई वीजा पॉलिसी में छात्रों को उनका कोर्स पूरा होने पर वापस लौटना होता है. इस शर्त की वजह से ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों का दाखिला 50 प्रतिशत कम हो गया है. ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2010 में जहां 68,238 भारतीयों को अध्ययन के लिए वीजा जारी किए गए थे वहीं इस साल यह घटकर 11,864 रह गए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मे की मौजूदगी में भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और यह साझा भविष्य के लिए देश की भागीदारी को परिभाषित करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमें शिक्षा तथा अनुसंधान क्षेत्र के अवसरों में युवा लोगों की भागीदारी और आवाजाही को अधिक प्रोत्साहन देना होगा.’’ मे कल भारत यात्रा पर यहां पहुंचीं. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले के बाद मे की यह पहली यात्रा है. उन्होंने, हालांकि इस पर कहा कि ब्रिटेन में आवेदनों के लिए ‘अच्छी प्रणाली’है.
बीबीसी के अनुसार मे ने कहा कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को पहले से ही आकर्षित कर रहा है. ‘‘भारत से मिलने वाले 10 वीजा आवेदनों में से नौ को स्वीकार किया जा रहा है.’’ ब्लूमबर्ग के अनुसार नई दिल्ली के लिए उड़ान के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ब्रिटेन के पास यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के लिए वीजा प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सर्वश्रेष्ठ और चमकदार प्रतिभाएं ब्रिटेन आएं.
उन्होंने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि हम अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा तथा चीन को मिलाकर जितने वीजा जारी करते हैं उससे अधिक कार्य वीजा भारतीयों को जारी किए जाते हैं.
ब्रिटेन की नई वीजा पॉलिसी में छात्रों को उनका कोर्स पूरा होने पर वापस लौटना होता है. इस शर्त की वजह से ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों का दाखिला 50 प्रतिशत कम हो गया है. ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2010 में जहां 68,238 भारतीयों को अध्ययन के लिए वीजा जारी किए गए थे वहीं इस साल यह घटकर 11,864 रह गए.
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