 
                                            शिवसेना के समर्थन के बाद एनडीए के वोट की संख्या 5,37,683 हो जाएगी...
                                                                                                                        - संख्याबल को देखते हुए रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय
- शिवसेना ने मंगलवार रात कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की
- जेडीयू और बसपा की ओर से सकारात्मक संकेत, मिल सकता है समर्थन
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में संख्याबल और आंकड़े एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में नजर आने लगे हैं. संभावना तो यह बनने लगी है कि उन्हें मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा उनकी पूर्ववर्ती प्रतिभा पाटिल से ज्यादा वोट मिल सकते हैं. संख्याबल को देखते हुए उनका राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है. राजग में शामिल शिवसेना ने मंगलवार रात कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी. इसके पहले ओड़िशा की सत्तारूढ़ बीजद, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना की टीआरएस राजग उम्मीदवार को समर्थन दिए जाने की घोषणा कर चुकी हैं. हालांकि विपक्षी दल 22 जून को बैठक कर रहे हैं जिसमें वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने के बारे में फैसला करेंगे. भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने हैदराबाद में कहा कि विपक्षी पाटर्यिां निश्चित रूप से एक उम्मीदवार चुनाव में उतारेंगी.
जेडीयू और बसपा की ओर से सकारात्मक संकेत
जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देने का संकेत दे चुके हैं. हालांकि, राजद प्रमुख से उनके इस मसले पर मतभेद होने की खबरें आ रही हैं. वहीं, मायावती भी करीब-करीब कोविंद को समर्थन देने की बात कह चुकी हैं.
चुनाव जीतने के लिए चाहिए 5,49,452 वोट
राष्टपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में सभी सांसद और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधानसभा के सदस्य शामिल होते हैं. इसका कुल योग 10,98,903 वोट होता है. इसमें प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है. विधायकों के वोट का मूल्य उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं. किसी उम्मीदवार को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 50 प्रतिशत मतों की जरूरत होती है जो 5,49,452 होती है. शिवसेना के साथ राजग के मतों की संख्या 5,37,683 होती है.
गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है मतदान
बीजद, अन्नाद्रमुक के एक धड़े, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस के भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने पर यह संख्या 50 प्रतिशत से काफी अधिक हो जाती है. इस चुनाव में मतदान गोपनीय मतपत्र के जरिए होता है और इसमें पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता. वर्ष 2012 में प्रणब मुखर्जी को 7,13,763 मत मिले थे जबकि 2007 में प्रतिभा पाटिल को 6,38,116 मत मिले थे. दोनों कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार थे.
(इनपुट भाषा से भी)
                                                                        
                                    
                                जेडीयू और बसपा की ओर से सकारात्मक संकेत
जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देने का संकेत दे चुके हैं. हालांकि, राजद प्रमुख से उनके इस मसले पर मतभेद होने की खबरें आ रही हैं. वहीं, मायावती भी करीब-करीब कोविंद को समर्थन देने की बात कह चुकी हैं.
चुनाव जीतने के लिए चाहिए 5,49,452 वोट
राष्टपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में सभी सांसद और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधानसभा के सदस्य शामिल होते हैं. इसका कुल योग 10,98,903 वोट होता है. इसमें प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है. विधायकों के वोट का मूल्य उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं. किसी उम्मीदवार को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 50 प्रतिशत मतों की जरूरत होती है जो 5,49,452 होती है. शिवसेना के साथ राजग के मतों की संख्या 5,37,683 होती है.
गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है मतदान
बीजद, अन्नाद्रमुक के एक धड़े, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस के भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने पर यह संख्या 50 प्रतिशत से काफी अधिक हो जाती है. इस चुनाव में मतदान गोपनीय मतपत्र के जरिए होता है और इसमें पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता. वर्ष 2012 में प्रणब मुखर्जी को 7,13,763 मत मिले थे जबकि 2007 में प्रतिभा पाटिल को 6,38,116 मत मिले थे. दोनों कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार थे.
(इनपुट भाषा से भी)
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