सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सरकार गठन के संबंध में फैसला लेने में देरी के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल की जमकर खिंचाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि काफी वक्त दिया जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं किया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन हमेशा के लिए नहीं रह सकता, जनता को चुनी सरकार का हक है... उपराज्यपाल को इस मसले पर जल्द फैसला लेना चाहिए।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने सरकार गठन के लिए बीजेपी को आमंत्रित करने के उप राज्यपाल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में मैरिट के आधार पर 'आप' की याचिका पर सुनवाई करेगा।
इससे पूर्व सूत्रों ने बताया था कि दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उप-राज्यपाल की वह सिफारिश मंजूर कर ली है, जिसमें उन्होंने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका देने की बात कही थी।
फिलहाल नजीब जंग दिल्ली से बाहर हैं और आज शाम तक दिल्ली लौटने वाले हैं इसलिए बीजेपी को बुधवार तक सरकार बनाने का न्योता मिल सकता है। बीजेपी ने कहा है, दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी, न्योता मिलने के बाद गठन पर विचार करेंगे।
गौरतलब है कि फरवरी में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बीजेपी चुनाव से डर रही है और उनके पास आंकड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले मना कर चुकी है, तो अब उसे न्योता कैसे मिल सकता है।
इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि बीजेपी चुनाव से भाग रही है, क्योंकि उसे दिल्ली में हार का डर है। बीजेपी दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही है। चार बार सरकार गठन के लिए विधायकों को खरीदने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही, अब ये पांचवीं बार है। बीजेपी सरकार गठन कैसे करेगी, उनके पास जरूरी आंकड़े नहीं हैं। बीजेपी चुनाव क्यों नहीं कराती।
वहीं दिल्ली से चुने गए निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन ने कहा कि सबसे ज्यादा विधायक बीजेपी के पास हैं, तो इन्हें सरकार बनाने का एक मौका मिलना चाहिए... मैं हूं, बिन्नी जी हैं और शायद शोएब इकबाल साथ दे दें तो सरकार बन जाएगी।
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