प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बुधवार को ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया और उसके प्रबंधकों एवं अन्य कर्मियों से बातचीत की. पीएम मोदी ने कहा, ''पूर्वी आर्थिक मंच के लिए आपका निमंत्रण, मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. यह दोनों देशों के बीच समर्थन को एक नया आयाम देने का एक ऐतिहासिक अवसर है. मैं कल मंच में भाग लेने का इंतजार कर रहा हूं.'' उन्होंने आगे कहा, ''आपने घोषणा की है कि मुझे रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. मैं आपका और रूस के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं. यह हमारे 2 देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रदर्शित करता है. यह 1.3 बिलियन भारतीयों के लिए सम्मान की बात है.''
जम्मू-कश्मीर में नेता और अलगाववादी नजरबंद, उधर गृहमंत्री अमित शाह का 'खास प्लान' शुरू
पीएम मोदी ने कहा, ''रूस भारत का अभिन्न मित्र और भरोसेमंद साझेदार है. आपने हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विस्तार पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान केंद्रित किया है. 2 अभिन्न मित्रों के रूप में हम नियमित रूप से मिले हैं. मैंने कई मुद्दों पर आपसे टेलीफोन पर बात की है, मुझे कभी कोई झिझक नहीं हुई.''
दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे मोदी पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री मोदी के यार्ड के दौरे के समय पुतिन भी उनके साथ थे. ज्वेज्दा यार्ड जाने से पहले दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-रूस के संबंधों की तेज बयार चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर जाते समय एक पोत पर एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया.''
मोदी ने संयंत्र के प्रबंधकों और अन्य कर्मियों से भी बातचीत की. कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया. पोत निर्माण जैसे सहयोग के नए क्षेत्र भारत एवं रूस के मजबूत आर्थिक संबंधों को विविधता प्रदान करने के अवसर मुहैया कराते हैं.'' ‘तास' संवाद समिति ने पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि भविष्य में इस यार्ड पर निर्मित पोतों का ‘‘प्रयोग भारत समेत वैश्विक बाजार में रूसी तेल और द्रवित प्राकृतिक गैस पहुंचाने में किया जाएगा''.
रूसी संवाद समिति के अनुसार रोसनेफ्ट, रोसनेफ्टगाज और गजप्रॉमबैंक का संघ ‘फार ईस्टर्न शिपबिल्डिंग एंड शिप रिपेयर सेंटर' में ज्वेज्दा पोत यार्ड का निर्माण कर रहा है. यार्ड के दौरे के बाद दोनों नेता पूर्वी आर्थिक मंच के इतर 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे. रूस एशियाई देशों के साथ साझेदारी मजबूत करने के लिए 2015 से इसकी मेजबानी कर रहा है.
कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘यह निजी तालमेल मजबूत साझेदारी को रेखांकित करता है. राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्लादिवोस्तोक में उनकी 30वीं बैठक के लिए स्वागत किया. भारत और रूस के संबंध दोनों राजधानियों के रिश्तों तक ही सीमित नहीं है और वे अब नए मोर्चों पर विकसित हो रहे हैं.''
शिखर वार्ता में दोनों नेताओं के बीच खाड़ी क्षेत्र में अफगान शांति वार्ता एवं स्थिति समेत कई अहम क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा होने की उम्मीद है. दोनों पक्षों के बीच अन्वेषण एवं दोहन और खरीदारी के संदर्भ में तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं के संबंध में 2019 से 2024 के लिए पांच वर्षीय रूपरेखा बनाए जाने की उम्मीद है. इस समय, भारत ऊर्जा संबंधी अपनी आवश्यकताओं के लिए खाड़ी क्षेत्र पर काफी निर्भर करता है. विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारत रूस को हाइड्रोकार्बन के एक प्रमुख स्रोत के रूप में देख रहा है ताकि खाड़ी क्षेत्र पर उसकी पूर्ण निर्भरता समाप्त हो सके. दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग बढ़ाने के तरीके तलाशने पर भी विचार कर सकते हैं.
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का रूस की तीसरी द्विपक्षीय यात्रा पर व्लादिवोस्तोक हवाईअड्डा पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्हें हवाईअड्डे पर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं