अलग तेलंगाना राज्य बनाने के लिए संसद द्वारा पारित विधेयक को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी मिल गई है। उन्होंने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा पर भी हस्ताक्षर कर दिए।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, 2014 को सीमांध्र क्षेत्र के सांसदों के कड़े प्रतिरोध के बावजूद 20 फरवरी को संसद की मंजूरी मिल गई थी। इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद आंध्र प्रदेश का विभाजन करके देश के 29वें राज्य के तौर पर तेलंगाना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
तेलंगाना में हैदराबाद शहर समेत 10 जिले होंगे, वहीं शेष आंध्र प्रदेश में 13 जिले शामिल होंगे। सीमांध्र क्षेत्र के लोगों की चिंताओं पर ध्यान देते हुए सरकार ने इस क्षेत्र के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की घोषणा भी की थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश के बाद आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा पर दस्तखत कर दिए। उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा को निलंबन में रखने पर मुहर लगा दी, जिसका कार्यकाल 2 जून को समाप्त होना है।
मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के इस्तीफे के बाद आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी हो गया था। रेड्डी ने तेलंगाना बनाने के विरोध में 19 फरवरी को इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन ने रेड्डी के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी।
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