महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राज्य में कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच 15 साल पुराने गठबंधन के टूटने के बाद एनसीपी ने पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। शुक्रवार रात चव्हाण ने इस्तीफा दे दिया था।
शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक की, जिसके बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई थी। राष्ट्रपति ने राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने को मंजूरी दे दी।
हालांकि राज्यपाल सीवी राव के राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश को सियासी नजरिये से भी देखा जा रहा है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की कोई ज़रूरत नहीं थी, बीजेपी की सरकार ने जानबूझकर राज्य पर राष्ट्रपति शासन थोपा है। जबकि बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी का मानना है कि राज्य में अल्पमत की सरकार थी, मुख्यमंत्री ने एनसीपी के समर्थन वापस लेने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था, ऐसे में संवैधानिक प्रावधानों के तहत ये फैसला लिया गया।
महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव होने वाला है। गठबंधन टूटने के बाद अब सारी मुख्य पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी, बीजेपी, शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं।
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