राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सनसनीखेज निठारी हत्या और दुष्कर्म मामलों के दोषी सुरेन्द्र कोली समेत मौत की सजा पाए छह अपराधियों की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोली के अतिरिक्त महाराष्ट्र की रेणुकाबाई और सीमा, महाराष्ट्र के ही राजेन्द्र प्रह्लादराव वासनिक, मध्य प्रदेश के जगदीश और असम के होलीराम बोरदोलोई की दया याचिकाओं को गृह मंत्रालय की सिफारिशों के बाद राष्ट्रपति ने नामंजूर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में नोएडा के निठारी गांव में बच्चों से बलात्कार के बाद उनकी नृशंस तरीके से हत्या करने वाले 42 वर्षीय कोली को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सही ठहराया था तथा बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2011 में इसकी पुष्टि की थी।
पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले इस मामले में कोली को वर्ष 2005 से 2006 के बीच निठारी में अपने नियोक्ता और कारोबारी मोनिन्दर सिंह पंढेर के आवास पर बच्चों के साथ एक के बाद एक दुष्कर्म करने और उनकी नृशंस तरीके से हत्या करने का दोषी पाया गया था। कई लापता बच्चों के अवशेष इस मकान के पास से बरामद किए गए थे।
कोली के खिलाफ 16 मामले दाखिल किए गए थे, जिनमें से उसे अभी तक चार मामलों में मौत की सजा दी गयी है और बाकी मामले अभी विचाराधीन हैं।
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