राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को सुबह पौने दस बजे भारतीय नौसेना के एविएशन विंग को गोवा के आईेएनएस हंसा में प्रेसिडेंट कलर से सम्मानित करेंगे. प्रेसिंडेंट कलर का मिलना बहुत बड़े सम्मान की बात होती है. नौसेना की एविएशन विंग का गठन 1951 मे हुआ था. पहला नेवल एविएशन बेस 1953 में बनकर तैयार हुआ था. समय के साथ एविएशन विंग की ताकत में लगातार इजाफा होता चला गया. आज नौसेना के पास नौ एयर स्टेशन और तीन नेवल एयर इंक्लेव हैं.
सन 1961 में पहले विमान वाहक पोत आईेएनएस विक्रांत के कमीशन होने के बाद नौसेना की हवाई ताकत कई गुना बढ़ गई. गोवा लिबरेशन युद्ध और 1971 में भारत-पाक युद्ध में इसने काफी अहम भूमिका निभाई. नौसेना के जंगी बेड़े में 250 एयरक्राफ्ट हैं. लड़ाकू विमान मिग -29, निगरानी विमान पी 8 आई और एमएच 60 आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर के नौसेना में शामिल होने से इसकी ताकत और बढ़ी.
सन 2013 में शामिल हुआ विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य अपने चारों ओर 500 किलोमीटर तक ना केवल निगरानी कर सकता है बल्कि इसमें तैनात मिग 29 के एयरक्राफ्ट और कामोव हेलीकॉप्टर जरूरत पड़ने पर दुश्मन की चुनौती का जवाब दे सकते हैं. नौसेना के जहाज केवल युद्ध के दौरान ही नहीं बल्कि आपदा आने पर लोगों के बचाव और राहत अभियान में हमेशा आगे रहते हैं.
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