कोलकाता:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से शुरू की गई 'स्वच्छ भारत' और 'डिजिटल इंडिया' जैसी विभिन्न पहलों की तारीफ करते हुए कहा कि आठ फीसदी की वृद्धि दर हासिल करना अप्रत्याशित नहीं है।
प्रणब ने कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स में कहा, 'कई अन्य देश अब भारत को एक निवेश गंतव्य के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि यहां राजनीतिक स्थिरता है।' राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत, निर्मल गंगा, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसी सरकार की पहलें विशेषज्ञता, निवेश एवं प्रौद्योगिकी के लिए नई संभावनाएं लेकर आएंगी।
उन्होंने कहा, 'लेकिन इसमें गंभीर चुनौतियां हैं। देश को सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना होगा, जबकि कृषि अब भी महत्वपूर्ण है।' राष्ट्रपति ने कहा कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 15 से बढ़ाकर 25 फीसदी करने के मकसद से तैयार की गई नई विनिर्माण नीति महत्वाकांक्षी नहीं है।
तीन दिन की यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पर विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में संकेत किया गया था कि 2014-15 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी होगी, जबकि 2015-16 में यह दर ज्यादा होगी।
राष्ट्रपति ने कहा, 'हम बहुत जल्द आठ फीसदी वृद्धि दर की उम्मीद कर सकते हैं जो अप्रत्याशित नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हम इसे हासिल कर सकते हैं, बशर्ते हम प्रयास करें और साहसिक फैसले करें।'
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौजूदा भारत यात्रा का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें फलदायी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि जापान भारत की विकास सहायता में योगदान करने वाला सबसे बड़ा देश है।
प्रणब ने कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स में कहा, 'कई अन्य देश अब भारत को एक निवेश गंतव्य के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि यहां राजनीतिक स्थिरता है।' राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत, निर्मल गंगा, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसी सरकार की पहलें विशेषज्ञता, निवेश एवं प्रौद्योगिकी के लिए नई संभावनाएं लेकर आएंगी।
उन्होंने कहा, 'लेकिन इसमें गंभीर चुनौतियां हैं। देश को सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना होगा, जबकि कृषि अब भी महत्वपूर्ण है।' राष्ट्रपति ने कहा कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 15 से बढ़ाकर 25 फीसदी करने के मकसद से तैयार की गई नई विनिर्माण नीति महत्वाकांक्षी नहीं है।
तीन दिन की यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पर विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में संकेत किया गया था कि 2014-15 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी होगी, जबकि 2015-16 में यह दर ज्यादा होगी।
राष्ट्रपति ने कहा, 'हम बहुत जल्द आठ फीसदी वृद्धि दर की उम्मीद कर सकते हैं जो अप्रत्याशित नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हम इसे हासिल कर सकते हैं, बशर्ते हम प्रयास करें और साहसिक फैसले करें।'
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौजूदा भारत यात्रा का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें फलदायी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि जापान भारत की विकास सहायता में योगदान करने वाला सबसे बड़ा देश है।
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