पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध के दौरान जवानों के साथ खिंचाई तस्वीरें शेयर की हैं
खास बातें
- आज है करगिल विजय दिवस
- राष्ट्रपति कोविंद ने जवानों को किया नमन
- पीएम मोदी ने तस्वीरें शेयर कीं
कारगिल विजय दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना की वीरता को याद किया है. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'कारगिल विजय दिवस', हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है. हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य व शौर्य को नमन करते हैं. हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे' वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर चार तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं.उन्होंने कहा, 'कारगिल युद्ध के समय मुझे सेना के जवानों के साथ एकता भाव का दिखाने का मौका मिला. उस दौरान मैं पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में काम करता था. कारगिल जाकर सेना के जवानों के साथ बातचीत करना हमेशा अविस्मरणीय है'.
इससे पहले किए गए एक ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, 'कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं. यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है.
इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. जय हिंद!' प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है.
भारत ने 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध (Kargil War) में विजय हासिल की थी. कारगिल युद्ध में भारत की जीत के बाद से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता आ रहा है. यह दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है. कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है. कारगिल युद्ध (Kargil War) लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ. भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया. यह युद्ध ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ सेना की ओर से की गई कार्रवाई में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए तो करीब 1363 घायल हुए थे. इस लड़ाई में पाकिस्तान के करीब तीन हजार सैनिक मारे गए थे, मगर पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे. कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए.