विज्ञापन
This Article is From Jan 19, 2015

राष्ट्रपति ने अध्यादेशों पर सरकार को चेताया, विपक्ष को दी सदन की कार्यवाही ठप्प न करने की नसीहत

राष्ट्रपति ने अध्यादेशों पर सरकार को चेताया, विपक्ष को दी सदन की कार्यवाही ठप्प न करने की नसीहत
नई दिल्ली:

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज इशारों-इशारों में केंद्र सरकार को आगाह किया कि संविधान में अध्यादेश जारी करने के अधिकार उसे दिया ज़रूर गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए। आईआईटी, एनआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों और अध्यापकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एक संवाद के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ये बात कही।

राष्ट्रपति ने कहा, 'बहुत मजबूरी में ही और कुछ खास ज़रूरतों की स्थिति में संविधान निर्माताओं ने कार्यपालिका को अध्यादेश के रूप में कुछ विधायी अधिकार सौंपना ज़रूरी माना। जब विधायिका का सत्र न चल रहा हो और हालात कानून की ज़रूरत बता रहे हों, तब के लिए। संविधान निर्माताओं ने यह भी ज़रूरी समझा था कि सरकार को दिए गए इस विशेष अधिकार को सीमित करना ज़रूरी है। इसलिए तय समय सीमा में अध्यादेश को कानून में बदलने का प्रावधान भी शामिल कर दिया गया।

बीते कुछ महीनों में केंद्र सरकार आठ अध्यादेश ला चुकी है। ज़ाहिर है, राष्ट्रपति का इशारा उधर ही है। हालांकि राष्ट्रपति ने विपक्ष को भी उसका फ़र्ज़ याद दिलाया। उन्होंने कहा, 'संसदीय लोकतंत्र का बुनियादी सिद्धांत ये है कि बहुमत को शासन करने का हक़ है जबकि विपक्ष को विरोध करने, उसे बेनक़ाब करने और अगर संख्या इजाज़त दे तो सरकार गिराने का भी हक़ है। लेकिन किसी भी सूरत में कार्यवाही ठप्प नहीं होनी चाहिए। एक हल्ला करने वाले अल्पमत को बहुमत की आवाज़ बंद करने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने सांसदों को भी आगाह किया कि संसद में कामकाज पिछले देढ दशक में काफी कम हुआ है। राष्ट्रपति ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पहली लोक सभा अपने पांच साल के कार्यकाल में 677 दिन बैठी थी, जबकि तेरहवीं लोक सभा में 356 दिन, 14वीं लोक सभा में 332 दिन और 15वीं लोक सभा में 357 दिन ही काम हुआ।

राष्ट्रपति ने कहा कि संसद अगर कानून बनाने की अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी का निरिवाहन ठीक से नहीं करेगा तो लोगों का उस पर विश्वास कम होगा।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी, अध्यादेश, President, Pranab Mukherjee, Ordinance
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com