ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियां पूरी, इन बातों पर रहेगी नजर...

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियां पूरी, इन बातों पर रहेगी नजर...

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले शुक्रवार को गोवा पहुंच रहे हैं. यह शिखर सम्मेलन इस तटीय राज्य में 15 अक्टूबर को शुरू होगा. गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शिखर सम्मेलन के लिए व्यवस्था की समीक्षा से पूर्व संवाददाताओं को बताया, ‘सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यहां आ रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष तीन अलग-अलग पांच सितारा रिजॉर्ट्स में ठहरेंगे जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

15-16 अक्टूबर को गोवा में होने वाले ब्रिक्स समिट और बिम्सटेक आउटरीच मीटिंग में इन बातों पर रहेगी नजर...

ब्रिक्स
- ये आठवां ब्रिक्स सम्मिट है.
- 2011 में इसकी शुरुआत हुई.
- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं.
- इसका मक़सद आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर पश्चिमी देशों के अधिपत्य को चुनौती.
- इस समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राष्ट्रपति टेमर (ब्राज़ील), राष्ट्रपति पुतिन (रूस), राष्ट्रपति शी जिंनपिंग (चीन) और राष्ट्रपति ज़ुमा (दक्षिण अफ्रीका) हिस्सा ले रहे हैं.

बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिसिएटिव फॉर टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन)
- बिम्सटेक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं.
- पांच देश दक्षिण एशिया के और दो दक्षिण पूर्व एशिया के (म्यांमार और थाईलैंड).
- भारत ने सार्क देशों की जगह बिम्सटेक देशों को आउटरीच मीटिंग के लिए बुलाया.
- भारत के एक्ट इस्ट पॉलिसी पर ज़ोर के चलते ये फैसला.
- पाकिस्तान में होने वाले सार्क समिट के टलने के बाद बिम्सटेक की बढ़ी अहमियत.

भारत को होंगी ये उम्मीदें...
- आतंकवाद के मुद्दे पर ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों की तरफ एकजुट निंदा की उम्मीद
- बिम्सटेक देशों
- चीन और पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्तों के देखते हुए इसमें मुश्किल हो सकता है
- आर्थिक मंदी के दौर में ब्रिक्स संगठन में जान फूंकने की कोशिश
- आर्थिक मोर्चे पर आपसी सहयोग से मंदी से उबरने के उपाय

द्विपक्षीय मुलाक़ातें
- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ातें

चीन
- चीन और रूस के साथ द्विपक्षीय बातचीत अहम.
- चीन से मसूद अज़हर पर यूएन प्रतिबंध को लेकर बात.
- सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर साथ देने को लेकर बात.
- एनएसजी में भारत की सदस्यता पर चीन से समर्थन हासिल करने की कोशिश.
- भारत में चीनी निवेश बढ़ाने को लेकर बात.

रूस
- रूस और पाकिस्तान के सामरिक संबंधों को सीमित करने पर बात
- रूस से आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी तरह साथ लेने की कोशिश

बिम्सटेक द्विपक्षीय
अभी तक म्यांमार और बांग्लादेश के साथ होना तय.


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