कांग्रेस और उसके सहयोगी दल कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा बीजेपी को सरकार के गठन के लिए आमंत्रित करने पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए चल रही जोड़तोड़ के बीच चार राज्यों गोवा, बिहार, मणिपुर और मेघालय में सरकारों के गठन पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. ये वे राज्य हैं जहां सरकार के गठन के लिए राज्यपालों ने सबसे बड़ी पार्टी नहीं बल्कि बहुमत रखने वाले गठबंधन को आमंत्रित किया था. सरकार बनाने के लिए दलों को आमंत्रित करने के तय मापदंड में विरोधाभास को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अब मैदान में आ गए हैं.
गोवा, बिहार, मणिपुर और मेघालय में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और सहयोगी दलों वाले विपक्ष ने हमले शुरू कर दिए हैं और सरकार के गठन के लिए नए सिरे से दावे पेश करने की तैयारी भी शुरू हो गई है. कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम का प्रभाव इन चारों राज्यों में भी देखने को मिल रहा है. इन प्रदेशों में कांग्रेस और यूपीए की सहयोगी पार्टियां नए सिरे से सरकार के गठन का दावा कर रही हैं.
बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ सियासत तेज हो गई है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव गवर्नर से मुलाकात करेंगे. राज्य में संख्या बल के हिसाब से सबसे बड़ा दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) है और उसका दावा है कि सरकार बनाने का मौका उसे मिलना चाहिए. तेजस्वी ने कहा है कि वे बीजेपी के तर्क पर यह दावा ठोक रहे हैं. बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा में आरजेडी की 80 सीटें हैं. कांग्रेस की 27, सीपीआई (एमएल) की तीन और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की एक सीट है. दूसरी तरफ सरकार पर काबिज जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) की 70, बीजेपी की 53, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का दो, लोक जनशक्ति पार्टी की दो सीटें हैं. चार निर्दलीय विधायक हैं. जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र फिलहाल खाली है. यहां के विधायक आरजेडी के सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था. वे अररिया से सांसद चुने गए हैं.
यह भी पढ़ें : कांग्रेस की मांग, गोवा-मणिपुर और मेघालय में भी लागू हो 'कर्नाटक मॉडल'
गोवा विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ा दल है और इस हिसाब से वहां कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर सकती है. कांग्रेस के प्रभारी चेला कुमार गोवा में अन्य दलों के नेताओं के साथ कल राज्यपाल से मिल सकते हैं. गोवा में साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं. गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं और सबसे बड़ा दल होने से सरकार बनाने का आमंत्रण कांग्रेस को मिलना था लेकिन 12 मार्च 2017 को गवर्नर ने 14 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी को आमंत्रित किया. सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत थी. गोवा में पिछले साल मार्च में चुनाव हुए थे. चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसकी बहुमत से चार सीटें कम थीं. राज्य में बीजेपी ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी तथा एमजीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. इन दोनों दलों को तीन-तीन सीटें मिली थीं. तीन निर्दलीय एमएलए भी बीजेपी ने अपने पक्ष में कर लिए थे. कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि पार्टी शुक्रवार को सभी 16 विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक औपचारिक पत्र राज्यपाल मृदुला सिन्हा को देकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
VIDEO : तेजस्वी यादव ने कहा, हमें मिले मौका
मणिपुर के पूर्व सीएम ओकरम इबोबी सिंह ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है. सिंह का कहना है कि मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इस आधार पर उसे सरकार बनाने का अवसर दिया जाए. सिंह ने गवर्नर से मिलने के लिए समय मांगा है. राज्य की कुल साठ सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं लेकिन उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया. राज्य में कांग्रेस की 28, बीजेपी की 21, तृणमूल कांग्रेस की एक, नगा पीपुल्स फ्रंट की चार, लोक जनशक्ति पार्टी की एक, नेशनल पीपुल्स पार्टी की चार सीटें है और एक सीट पर निर्दलीय विधायक है. बीजेपी ने जोड़तोड़ करके सरकार का गठन कर लिया था.
VIDEO : गोवा में कांग्रेस का दावा
मेघालय में वहां के पूर्व सीएम मुकुल संगमा भी राज्यपाल से मिलने वाले हैं. वे सरकार बनाने का दावा करेंगे. मेघालय में सरकार के गठन में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की रणनीति को असफल कर दिया था. यहां बीजेपी की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के 19 विधायक हैं जबकि कांग्रेस की 21 सीटें हैं. लेकिन सरकार बनाने के लिए न्यौता एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा को मिला. फिर नाटकीय घटनाक्रम में 21 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता से दूर करते हुए दो सीटें जीतने वाली बीजेपी ने पांच दलों और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बना ली. 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा के चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19, बीजेपी की दो, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) की छह, एचएसपीडीपी की दो, पीडीएफ की चार सीटें हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय को साथ लेकर 34 विधायकों के समर्थन समर्थन से सरकार गठित की गई.
गोवा, बिहार, मणिपुर और मेघालय में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और सहयोगी दलों वाले विपक्ष ने हमले शुरू कर दिए हैं और सरकार के गठन के लिए नए सिरे से दावे पेश करने की तैयारी भी शुरू हो गई है. कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम का प्रभाव इन चारों राज्यों में भी देखने को मिल रहा है. इन प्रदेशों में कांग्रेस और यूपीए की सहयोगी पार्टियां नए सिरे से सरकार के गठन का दावा कर रही हैं.
बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ सियासत तेज हो गई है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव गवर्नर से मुलाकात करेंगे. राज्य में संख्या बल के हिसाब से सबसे बड़ा दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) है और उसका दावा है कि सरकार बनाने का मौका उसे मिलना चाहिए. तेजस्वी ने कहा है कि वे बीजेपी के तर्क पर यह दावा ठोक रहे हैं. बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा में आरजेडी की 80 सीटें हैं. कांग्रेस की 27, सीपीआई (एमएल) की तीन और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की एक सीट है. दूसरी तरफ सरकार पर काबिज जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) की 70, बीजेपी की 53, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का दो, लोक जनशक्ति पार्टी की दो सीटें हैं. चार निर्दलीय विधायक हैं. जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र फिलहाल खाली है. यहां के विधायक आरजेडी के सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था. वे अररिया से सांसद चुने गए हैं.
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गोवा विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ा दल है और इस हिसाब से वहां कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर सकती है. कांग्रेस के प्रभारी चेला कुमार गोवा में अन्य दलों के नेताओं के साथ कल राज्यपाल से मिल सकते हैं. गोवा में साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं. गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं और सबसे बड़ा दल होने से सरकार बनाने का आमंत्रण कांग्रेस को मिलना था लेकिन 12 मार्च 2017 को गवर्नर ने 14 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी को आमंत्रित किया. सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत थी. गोवा में पिछले साल मार्च में चुनाव हुए थे. चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसकी बहुमत से चार सीटें कम थीं. राज्य में बीजेपी ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी तथा एमजीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. इन दोनों दलों को तीन-तीन सीटें मिली थीं. तीन निर्दलीय एमएलए भी बीजेपी ने अपने पक्ष में कर लिए थे. कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि पार्टी शुक्रवार को सभी 16 विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक औपचारिक पत्र राज्यपाल मृदुला सिन्हा को देकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
VIDEO : तेजस्वी यादव ने कहा, हमें मिले मौका
मणिपुर के पूर्व सीएम ओकरम इबोबी सिंह ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है. सिंह का कहना है कि मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इस आधार पर उसे सरकार बनाने का अवसर दिया जाए. सिंह ने गवर्नर से मिलने के लिए समय मांगा है. राज्य की कुल साठ सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं लेकिन उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया. राज्य में कांग्रेस की 28, बीजेपी की 21, तृणमूल कांग्रेस की एक, नगा पीपुल्स फ्रंट की चार, लोक जनशक्ति पार्टी की एक, नेशनल पीपुल्स पार्टी की चार सीटें है और एक सीट पर निर्दलीय विधायक है. बीजेपी ने जोड़तोड़ करके सरकार का गठन कर लिया था.
VIDEO : गोवा में कांग्रेस का दावा
मेघालय में वहां के पूर्व सीएम मुकुल संगमा भी राज्यपाल से मिलने वाले हैं. वे सरकार बनाने का दावा करेंगे. मेघालय में सरकार के गठन में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की रणनीति को असफल कर दिया था. यहां बीजेपी की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के 19 विधायक हैं जबकि कांग्रेस की 21 सीटें हैं. लेकिन सरकार बनाने के लिए न्यौता एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा को मिला. फिर नाटकीय घटनाक्रम में 21 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता से दूर करते हुए दो सीटें जीतने वाली बीजेपी ने पांच दलों और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बना ली. 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा के चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19, बीजेपी की दो, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) की छह, एचएसपीडीपी की दो, पीडीएफ की चार सीटें हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय को साथ लेकर 34 विधायकों के समर्थन समर्थन से सरकार गठित की गई.
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