छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य के बीजापुर जिले में एक गर्भवती महिला (Pregnant woman) की बड़े बर्तन में बैठकर नदी पार करने की यह फोटो देश के गांवों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के शासन के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सड़क मार्ग और पुल न होने के कारण इस महिला के परिवार को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा. इस गर्भवती महिला ने 14 जुलाई को करीब 15 किमी दूर अस्पताल जाने के लिए गोरला में अपने परिवार की मदद से बर्तन में बैठकर नदी को पार किया. इस महिला ने बाद में बच्चे को जन्म दिया. परिवार ने महिला के इलाज में भी लापरवाही का आरोप लगाया है.
Chhattisgarh: Pregnant woman crossed river in a utensil, with her family's help in Bijapur's Gorla, to go to hospital 15 km away on the other side on 14th July. Family did this in absence of road/bridge. Woman later gave birth to stillborn child, family alleges medical negligence pic.twitter.com/UG06E8PWXc
— ANI (@ANI) July 23, 2020
गौरतलब है कि पिछले दिनों इसी तरह की घटना उत्तर बिहार के केवटी प्रखंड के असराहा गांव में सामने आई थी जब एक गर्भवती महिला को ट्यूब की मदद से बनी जुगाड़ नाव के जरिये नदी पार करनी पड़ी थी. बाढ़ के पानी में गांव के घिरने के कारण जब गर्भवती महिला (Hospital) को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई साधन नहीं मिला तो परिवारवालों ने 'जुगाड़' से नाव बनाई और किसी तरह गांव से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया मामला दरभंगा जिले के असराहा गांव का है. जहां पूरे इलाके में बाढ़ का पानी गया था.
इसी दौरान आठ माह की गर्भवती महिला रुखसाना परवीन को अचानक पेट में तेज़ दर्द शुरू हो गया. बाढ़ के पानी में घिरे होने के कारण सड़क डूब चुकी थी. कमरभर से ज्यादा पानी होने के कारण घर से निकलना मुश्किल था. इस मुश्किल परिस्थिति के बीच मजबूर घरवालों ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी से गाड़ियों के ट्यूब की नाव बनाई. इसके ऊपर लकड़ी डालकर गर्भवती महिला और उसकी मां को बिठाकर कई युवक जुगाड़ की इस नाव को धक्का देते हुए घर से निकाल कर बाहर लाए. इसके बाद मुख्य सड़क पर आये और फिर ऑटो पकड़कर महिला को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवटी पहुचाया गया जहां महिला का इलाज़ किया गया.
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