जयपुर:
जयपुर के जेके लोन अस्पताल ने बच्चों में दुर्लभ बीमारी (लाइसोसोमल स्टोरेज डिस्ऑर्डर) के उपचार के लिए ‘प्रयास’ अभियान की शुरुआत की है।
बच्चों के अस्पताल जेके लोन के अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने एक कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान में चार से पांच लाख बच्चे एक प्रकार से असाध्य बीमारियों (लाइसोसोमल स्टोरेज डिस्ऑर्डर) से पीड़ित हैं। उन्होने कहा कि गत पांच साल में ऐसी बीमारियों से पीड़ित चौबीस बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। शेष बच्चे चिकित्सीय समस्याओं से जुझ रहे है, क्योंकि उनमें एंजाइम रिप्लेसमेंट थैरपी उपलब्ध नहीं है, जबकि यह दवा अस्तित्व में है। दुर्लभ बीमारियों की श्रेणी में करीब सात हजार बीमारियां हैं। उन्होंने कहा कि एक हजार बच्चों में से एक रोगी इस रोग से ग्रसित होता है और इन रोगियों को ठीक होने में चार से छह साल का समय लग जाता है। इस दौरान बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। अस्पताल में 62 ऐसे बच्चों का उपचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि दुर्लभ रोगों पर सरकार का ध्यान बहुत कम है। ऐसे में सामाजिक संगठनों एंव चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बच्चों के अस्पताल जेके लोन के अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने एक कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान में चार से पांच लाख बच्चे एक प्रकार से असाध्य बीमारियों (लाइसोसोमल स्टोरेज डिस्ऑर्डर) से पीड़ित हैं। उन्होने कहा कि गत पांच साल में ऐसी बीमारियों से पीड़ित चौबीस बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। शेष बच्चे चिकित्सीय समस्याओं से जुझ रहे है, क्योंकि उनमें एंजाइम रिप्लेसमेंट थैरपी उपलब्ध नहीं है, जबकि यह दवा अस्तित्व में है। दुर्लभ बीमारियों की श्रेणी में करीब सात हजार बीमारियां हैं। उन्होंने कहा कि एक हजार बच्चों में से एक रोगी इस रोग से ग्रसित होता है और इन रोगियों को ठीक होने में चार से छह साल का समय लग जाता है। इस दौरान बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। अस्पताल में 62 ऐसे बच्चों का उपचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि दुर्लभ रोगों पर सरकार का ध्यान बहुत कम है। ऐसे में सामाजिक संगठनों एंव चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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