खुलकर सामने आई 'आप' की लड़ाई, योगेंद्र और प्रशांत को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकालने की तैयारी

नई दिल्‍ली:

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को लेकर मचा घमासान पूरी तरह आर-पार की लड़ाई में बदल गया है।

आपसी झगड़ों को निपटाने की कोशिश बेनतीजा रही। 'आप' के बड़े नेता कुमार विश्वास ने दावा किया कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की पांचों मांगों को मान लिया है और दोनों नेताओं के इस्तीफे को भी मंज़ूर कर लिया गया है, लेकिन योगेंद्र और प्रशांत का कहना है कि ये सभी दावे गलत हैं।

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने कहा कि न तो उनकी शर्तें मानी गईं और न ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया। योगेंद्र यादव ने ये भी कहा कि उन्हें इस्तीफ़ा नहीं देने पर पार्टी से निकालने की धमकी दी गई।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अरविंद केजरीवाल के इस्तीफ़े की मांग नहीं की थी। आप की बैठक के बाद ये भी कहा गया कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफ़े पर अंतिम फ़ैसला 28 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में होगा।

योंगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी मांगें माने जाने का दावा ग़लत है। उन्होंने बताया कि मांगों को बकायदा लिखित रूप से दिया गया है।

ये हैं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की मांगें -
- पार्टी RTI के तहत आए
- वॉलेंटियर से अहम मुद्दों पर राय लें
- ज़रूरत पड़े तो वॉलेंटियर का वोट लिया जाए
- 4 विवादित मुद्दों पर पार्टी का लोकपाल जांच कर
- राज्यों को स्वायत्ता दी जाए
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी के खाली पद भरे जाएं

पार्टी प्रवक्ता आशीष खेतान ने कहा कि दोनों नेता अरविंद केजरीवाल को पार्टी के संयोजक पद से हटाने की मांग पर दृढ़ दिखे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे निजी तौर पर कुछ, तो सार्वजनिक तौर पर कुछ और बोलते हैं।

आप के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण तथा योगेंद्र यादव ने तत्काल इसपर प्रतिक्रिया देते हुए इस्तीफे की बात का खंडन किया। यादव ने केजरीवाल से इस्तीफा पत्र पेश करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद बात है कि वह और भूषण केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।

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यादव ने कहा, 'मैंने एक हास्यास्पद खबर सुनी है कि राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने हमारा इस्तीफा मंजूर कर लिया। मेरे साथी क्या मेरे इस्तीफा पत्र को पेश करेंगे?'

वहीं मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है, "प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव से बातचीत बेनतीजा रही। वे लोग अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाने की मांग पर अड़े हैं। अरविंद केजरीवाल हटेंगे या नहीं इसका फैसला 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगा। सार्वजनिक रूप से वो कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल हमारे नेता हैं, लेकिन निजी तौर पर वो उन्हें हटाने की मांग करते हैं। अरविंद केजरीवाल को हटाने की किसी भी कोशिश को मैं नहीं स्वीकार कर सकता। अब 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद को फैसला करने दें।"