दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में 2 नवंबर को वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़प का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. एक दिन पहले ही पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया था और मारपीट करने वाले वकीलों पर कार्रवाई की मांग थी. दिल्ली पुलिस आज इस मामले में हाईकोर्ट में एक समीक्षा याचिका भी दायर कर रही है. इसके जरिये हाईकोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि, जब घायल वकीलों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा रविवार को ही की गई थी और रविवार को ही हाईकोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया था कि जब तक मामले की न्यायिक जांच पूरी न हो जाए, तबतक किसी भी वकील की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. ऐसे में फिर ये सभी सुविधाएं घटना वाले दिन मौके पर घायल हुए पुलिसकर्मियों को भी दी जाएं.
This video of the lock up at Tis Hazari courts does suggest that the aggression came from the side of the lawyers in the clash between the police and lawyers on Saturday pic.twitter.com/oNzvqaiJPB
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 4, 2019
बहरहाल, इस पूरे मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस पूरे विवाद पर ट्वीट किया है. प्रशांत भूषण ने वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच मारपीट का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप का ये वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि आक्रामकता वकीलों की तरफ से अपनाई गई थी.' बता दें कि हाईकोर्ट ने रविवार के आदेश में यह भी कहा था कि सिर्फ उन्हीं मामलों में वकीलों की गिरफ्तारी नहीं होगी, जिनकी एफआईआर रविवार तक पुलिस ने दर्ज की होगी.
Video: दिल्ली में पुलिसकर्मियों ने खत्म किया धरना
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