यह ख़बर 25 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

फ़ैसले का सोमवार, वित्त मंत्री के रूप में प्रणब का आखिरी दिन

खास बातें

  • प्रणब मुखर्जी के लिए आज का दिन वित्त मंत्री के तौर पर आखरी दिन होगा और वह कह चुके हैं कि सोमवार को कुछ अहम घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन सवाल यह है कि महीनों से टल रहे नीतिगत फ़ैसले और रुपये की बुरी हालत क्या एक दिन में पलट सकती है।
नई दिल्ली:

प्रणब मुखर्जी के लिए आज का दिन वित्त मंत्री के तौर पर आखरी दिन होगा और वह कह चुके हैं कि सोमवार को कुछ अहम घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन सवाल यह है कि महीनों से टल रहे नीतिगत फैसले और रुपये की बुरी हालत क्या एक दिन में पलट सकती है।

राष्ट्रपति चुनाव का पर्चा भरने से पहले प्रणब अपने पद से इस्तीफा देंगे। सोमवार को प्रणब मुखर्जी ऐसा क्या कर सकते हैं जो भारत की अथर्व्यवस्था की बिगड़ती हालत को संभाल सके। कुछ ऐसा ही करने का दावा प्रणब ने कोलकाता जाकर किया।

दरअसल अपनी ज़्यादातर दिक्कतों के लिए प्रणब किसी ना किसी बाहरी ताकत को दोष देते रहे हैं।

उनके कार्यकाल में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पिछले एक साल के दौरान 20 फ़ीसदी गिर चुकी है। कारखानों में विकास धीमा पड़ गया है। शेयर बाज़ार पिछले हफ़्तों से कई गोते खा चुका है और महंगाई अब भी 10 फ़ीसदी से ऊपर है।

इसके लिए अधिकतर जानकार प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की जोड़ी को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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...तो क्या आज कोई चमत्कार होगा... क्या एक दिन में सब कुछ ठीक हो जाएगा... बिल्कुल नहीं, लेकिन अगर सरकार ने कड़े कदम उठाने का फ़ैसला कर लिया है तो यह एक अच्छी ख़बर है।