विज्ञापन
This Article is From Feb 25, 2014

चीन सीमा पर भारत की रक्षा तैयारी कमजोर, महज कागजों में सिमटी हुई हैं नई सड़कें और रेल लाइन

चीन सीमा पर भारत की रक्षा तैयारी कमजोर, महज कागजों में सिमटी हुई हैं नई सड़कें और रेल लाइन
नई दिल्ली:

संसद की एक समिति ने चीन से सटी सीमा पर सड़क और रेल ढांचे की खराब प्रगति को भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताया है।

रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बीते आठ वर्षों में मंजूर किए गए कुल 27 में से केवल एक ही सड़क पूरी हो पाई है, जबकि रेल लाइनें तो महज कांगजों में ही सिमटे हुए हैं। इसने सीमा रक्षा ढाचे की धीमी रफ्तार की भी आलोचना की है और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने को कहा है।

इसके मुताबिक, इन 27 में से 11 सड़कों की शुरुआती रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। इसकी समयसीमा इस साल मार्च से लेकर साल 2016 के अक्टूबर महीने तक थी।

इस समिति ने कहा है कि साल 2010 और 2012 में रक्षा मंत्रालय द्वारा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चीन सीमा से सटे क्षेत्र में प्रस्तावित 14 रेल लाइन अभी तक केवल कागजों में ही सिमटे हैं। इसमें पुंछ से लेकर जम्मू और श्रीनगर से लेकर लेह के बीच रेल लाइन भी शामिल है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सामरिक इलाके की 14 रेल लाइनों पर 55,000 करोड़ रुपए लगने हैं, लेकिन फिलहाल ये योजना कागजों पर है। वहीं 10 हवाई पट्टियों के आधुनिकीकरण का काम भी 4 साल पीछे चल रह है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
रक्षा मामलों की स्थाई समिति, भारत चीन सीमा, India China Border, Standing Committee On Defence, जम्मू, श्रीनगर, लेह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com