नई दिल्ली:
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के बर्खास्त अध्यक्ष सुखदेव सिंह नामधारी पुलिस जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस ने दावा किया कि हो सकता है कि नामधारी के लोगों ने हत्याओं से कुछ घंटे पहले विवादास्पद फार्महाउस पर कब्जा करने में शराब कारोबारी की मदद की हो।
विवादास्पद संपत्ति को लेकर दोनों पक्षों की ओर से गत शनिवार को यहां छतरपुर स्थित फार्महाउस में हुई गोलीबारी में पॉन्टी और हरदीप मारे गए थे। घटना के वक्त नामधारी घटनास्थल पर मौजूद थे।
अपराह्न साढ़े 12 बजे दोनों तरफ से हुई गोलीबारी से पहले पॉन्टी के लोग कथित तौर पर सुबह 11 बजे फार्म हाउस में घुस गए थे और हवा में गोली दागी थी और हरदीप के कर्मचारियों को बाहर खदेड़ने से पहले उनके मोबाइल फोन छीन लिए थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण पश्चिम) विवेक गोगिया ने कहा, ‘कुछ लोगों ने बयान दिया है कि नामधारी के लोग भी समूह का हिस्सा थे जो छतरपुर फार्महाउस में अवैध तरीके से घुसे थे। हम उसकी जांच कर रहे हैं।’ किसी को भी ‘क्लीन चिट’ नहीं दिए जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत होगी वे नामधारी से बातचीत करेंगे। हालांकि, नामधारी के फरार होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया।
विवादास्पद संपत्ति को लेकर दोनों पक्षों की ओर से गत शनिवार को यहां छतरपुर स्थित फार्महाउस में हुई गोलीबारी में पॉन्टी और हरदीप मारे गए थे। घटना के वक्त नामधारी घटनास्थल पर मौजूद थे।
अपराह्न साढ़े 12 बजे दोनों तरफ से हुई गोलीबारी से पहले पॉन्टी के लोग कथित तौर पर सुबह 11 बजे फार्म हाउस में घुस गए थे और हवा में गोली दागी थी और हरदीप के कर्मचारियों को बाहर खदेड़ने से पहले उनके मोबाइल फोन छीन लिए थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण पश्चिम) विवेक गोगिया ने कहा, ‘कुछ लोगों ने बयान दिया है कि नामधारी के लोग भी समूह का हिस्सा थे जो छतरपुर फार्महाउस में अवैध तरीके से घुसे थे। हम उसकी जांच कर रहे हैं।’ किसी को भी ‘क्लीन चिट’ नहीं दिए जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत होगी वे नामधारी से बातचीत करेंगे। हालांकि, नामधारी के फरार होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया।
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