नई दिल्ली:
चुनाव चिन्ह को लेकर परेशान राजनीतिक दलों को बड़ी राहत मिली है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि पहली बार चुनाव में उतरी राजनीतिक पार्टियों को दो बार चुनाव लड़ने के लिए (चाहे लोक सभा चाहे विधानसभा) एक ही चुनाव चिन्ह दिया जाएगा और अगर पार्टी राज्य विधानसभा में एक फीसदी वोट हासिल करती है तो कॉमन सिंबल पक्का हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस नए नोटिफिकेशन को अपनी मंजूरी दे दी है। दरअसल, जय महाभारत पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि प्रदेशभर में किसी भी राजनीतिक पार्टियों को एक ही चुनाव चिन्ह दिए जाएं, भले ही पार्टी 6 प्रतिशत मत प्राप्त करती हो या नहीं।
जय महाभारत पार्टी की याचिका में कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में अलग-अलग राज्यों में पार्टी ने 25 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। लेकिन, चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को आठ अलग-अलग चुनाव चिह्न दिए, जिसकी वजह से काफी परेशानी हुई। याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग पंजीकरण के वक्त ही पार्टी को चुनाव चिह्न दे दें।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस पर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की थी और कहा था कि इस तरह अलग-अलग चुनाव चिह्न नहीं दिए जाने चाहिए और आयोग इस बारे में खुद ही कदम उठाए, वरना सुप्रीम कोर्ट इसके लिए आदेश जारी करेगा। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि इस दिशा में काम किया जा रहा है और नतीजे पर पहुंचने के लिए वक्त लगेगा। जस्टिस केहर ने कहा कि चुनाव आयोग 6 हफ़्तों में इसका हल निकालें।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस नए नोटिफिकेशन को अपनी मंजूरी दे दी है। दरअसल, जय महाभारत पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि प्रदेशभर में किसी भी राजनीतिक पार्टियों को एक ही चुनाव चिन्ह दिए जाएं, भले ही पार्टी 6 प्रतिशत मत प्राप्त करती हो या नहीं।
जय महाभारत पार्टी की याचिका में कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में अलग-अलग राज्यों में पार्टी ने 25 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। लेकिन, चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को आठ अलग-अलग चुनाव चिह्न दिए, जिसकी वजह से काफी परेशानी हुई। याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग पंजीकरण के वक्त ही पार्टी को चुनाव चिह्न दे दें।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस पर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की थी और कहा था कि इस तरह अलग-अलग चुनाव चिह्न नहीं दिए जाने चाहिए और आयोग इस बारे में खुद ही कदम उठाए, वरना सुप्रीम कोर्ट इसके लिए आदेश जारी करेगा। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि इस दिशा में काम किया जा रहा है और नतीजे पर पहुंचने के लिए वक्त लगेगा। जस्टिस केहर ने कहा कि चुनाव आयोग 6 हफ़्तों में इसका हल निकालें।
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