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This Article is From Nov 18, 2014

रामपाल के आश्रम पर पुलिस ने बोला धावा, आड़े आई समर्थकों की दीवार

हिसार में रामपाल के आश्रम के बाहर कार्रवाई में घायल को ले जाते पुलिसवाले

हिसार:

हरियाणा पुलिस अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद रामपाल को उसके हिसार के बरवाला आश्रम से गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि पुलिस की कार्रवाई दिन के 12 बजे ही शुरू हो गई।

पुलिस ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि रामपाल की गिरफ़्तारी तक कार्रवाई जारी रहेगी। हालांकि इस बीच पुलिस अपनी कार्रवाई बुधवार सबुह तक के लिए लिए स्थगित कर दी है।

वहीं आज जब पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की तो रामपाल के समर्थकों ने पुलिसकर्मियों पर पहले पथराव किया, फिर गोलीबारी करते हुए पेट्रोल बम भी फेंके, जिसमें सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस का कहना है कि आश्रम के भीतर महिलाओं और बच्चों को जबरन बंधक बनाकर रखा गया है, जिसकी वजह से वह संभल कर कार्रवाई कर रही है।

इसी दौरान, डीजीपी की इजाजत से प्रेस भी पूरे वाकये को कवर कर रही थी, तो अचानक पुलिस ने मीडियाकर्मियों पर भी हमला बोल दिया। हमले में कई चैनलों और अखबारों के पत्रकार घायल हो गए हैं। एनडीटीवी के भी छह मीडियाकर्मियों को चोट लगी है। एनडीटीवी के लाइव कवरेज से जुड़े कई उपकरण और कैमरे पुलिसकर्मियों ने तोड़ दिए हैं।

लाठीचार्ज में एनडीटीवी के पत्रकार सिद्धार्थ पांडेय, पत्रकार मुकेश सेंगर, कैमरामैन सचिन गुप्ता, कैमरामैन फ़हद तलहा, कैमरामैन अश्विनी मेहरा और कैमरा सहयोगी अशोक मंडल घायल हुए हैं। इस घटना पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री के ओएसडी ने कहा है कि मीडिया कर्मियों पर लाठीचार्ज नहीं होना चाहिए। इस घटना के लिए उन्होंने खेद जताया है। उन्होंने मामले की जांच कराने की बात भी सफाई में कही।

इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) जवाहर यादव ने कहा, 'मुख्यमंत्री हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं। वह नियमित रूप से खुद हालात की जानकारी ले रहे हैं।'

मीडियाकर्मियों पर पुलिसिया कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। लेकिन मुझे परिस्थिति की सही सही जानकारी नहीं है कि किस वजह से कार्रवाई हुई, जिसमें कई मीडियाकर्मी घायल हो गए।'

वहीं दिनभर से जारी ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी ने दावा किया कि किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है, हालांकि उन्होंने 105 पुलिसकर्मियों तथा 85 आश्रम समर्थकों के घायल होने की बात बताई। इन घायलों में से कुछ की चोटें गंभीर हैं। उन्होंने बताया कि एक एसएचओ की गर्दन में आश्रम समर्थकों की गोली लगी है। उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स से कहा गया है कि वे आश्रम के चारों ओर घेरा बनाकर रखें और लोगों को बाहर आने का अल्टीमेटम दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि सतलोक आश्रम के संचालक बाबा रामपाल को कोर्ट में पेशी के लिए वारंट जारी किया गया है। कोर्ट में पेशी से बचने के प्रयास में बाबा रामपाल लगे हुए हैं। वहीं कोर्ट ने बाबा रामपाल को पेश नहीं करने पर सोमवार को सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही कोर्ट ने कल एक नया गैर-जमानती वारंट भी रामपाल के खिलाफ जारी किया था। अब पुलिस को 21 तारीख को बाबा को कोर्ट में  पेश करना है।

क्या है मामला

उच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के मामले में पिछले हफ्ते एक गैर जमानती वारंट जारी किया था।
जुलाई 2006 में ग्रामीणों के साथ एक झड़प के दौरान हजारों समर्थक आश्रम में जमा हो गए थे और रामपाल तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल कर दिया था। पुलिस हत्या के एक मामले में उन्हें हिरासत में लेना चाहती थी। इसके बाद 2013 में भी करोंथा गांव में उनके आश्रम पर कब्जा करना चाहा तो काफी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर घुस गए, जिसके चलते हुई झड़प में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।

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