फाइल फोटो
ग्रेटर नोएडा:
पुलिस ने दादरी में भीड़ के हाथों मारे गए अखलाक के परिवार के खिलाफ शिकायत की मंगलवार को जांच शुरू कर दी। कथित गोहत्या और गोमांस खाने को लेकर एक दिन पहले ही उनके खिलाफ एक मामला दर्ज करने के लिए प्रशासन को 20 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था। अधिकारियों ने दादरी के बिसहड़ा गांव में 50 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद सोमवार को फिर से तनाव पैदा हो जाने के बाद स्थिति को काबू में बताया है।
दादरी के सर्किल ऑफिसर (सीओ) ने अखलाक के परिवार द्वारा कथित गोहत्या किए जाने के बारे में एक आरोपी के परिवार और ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्थानीय बाशिंदों से बात की और पिछली जांच के दस्तावेजों की छानबीन की।
इस संबंध में दादरी के एसडीएम आरके सिंह ने बताया, ‘‘बिसहड़ा गांव में स्थिति सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोगों की गतिविधियों पर अतिरिक्त बल नजर रख रहे हैं। मंगलवार को गांव में कोई राजनीतिक हलचल नहीं हुई।’’सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और वादा किया कि वे लोग हिंसा का सहारा नहीं लेंगे।
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
दादरी के सर्किल ऑफिसर (सीओ) ने अखलाक के परिवार द्वारा कथित गोहत्या किए जाने के बारे में एक आरोपी के परिवार और ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्थानीय बाशिंदों से बात की और पिछली जांच के दस्तावेजों की छानबीन की।
इस संबंध में दादरी के एसडीएम आरके सिंह ने बताया, ‘‘बिसहड़ा गांव में स्थिति सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोगों की गतिविधियों पर अतिरिक्त बल नजर रख रहे हैं। मंगलवार को गांव में कोई राजनीतिक हलचल नहीं हुई।’’सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और वादा किया कि वे लोग हिंसा का सहारा नहीं लेंगे।
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)