नई दिल्ली:
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाला हैवान यह सोचकर अपने गृह प्रदेश बिहार भाग गया था कि बच्ची (पीड़ित) मर चुकी है। पुलिस ने शनिवार को यह बात कही।
गिरफ्तार किए गए आरोपी को बिहार से दिल्ली लाया जा रहा है। दिल्ली के पुलिस उपायुक्त प्रभाकर ने बताया कि दिल्ली और बिहार पुलिस की एक टीम द्वारा आरोपी मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस उपायुक्त ने कहा, आरोपी से शुरुआती पूछताछ और मेडिको लीगल केस रिपोर्ट (एमएलसी) से पता चला है कि उसने मासूम को मृत सोचकर छोड़ा था। मासूम बच्ची 40 घंटे से ज्यादा समय तक कमरे में बंद रही थी।
घटना का क्रमवार विवरण देते हुए प्रभाकर ने बताया, मनोज 15 अप्रैल को रात साढ़े आठ बजे स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से दिल्ली छोड़कर चला गया और बिहार में अपने ससुर के घर 17 अप्रैल को पहुंचा। जहां से उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया, मनोज के दो भाई और चार बहनें हैं, जो बिहार में रहते हैं। वह अपने पिता के साथ 15 साल पहले दिल्ली आया था और तब से यही रह रहा था।
पुलिस उपायुक्त प्रभाकर ने बताया, आरोपी मनोज का पिता पूर्वी दिल्ली के पुराने सीलमपुर इलाके में जूस की दुकान चलाता है, जबकि मनोज एक कपड़ा कारखाने में अस्थायी मजदूर के रूप में काम करता था। पुलिस ने बताया कि बच्ची का अपहरण 15 अप्रैल को किया गया और पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में एक मकान के कमरे में दो दिनों तक बिना भोजन-पानी के बंधक बनाकर रखा गया, आरोपी उसी कमरे में रहता था। पीड़ित बच्ची का परिवार भी उसी मकान में रहता है। पांच साल की मासूम बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। घटना का खुलासा तब हुआ, जब एक पड़ोसी ने बच्ची की चीख को सुना और फिर उसके परिवारवालों को सूचित किया। वह जिस कमरे में बंद थी उसके दरवाजे को तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी को बिहार से दिल्ली लाया जा रहा है। दिल्ली के पुलिस उपायुक्त प्रभाकर ने बताया कि दिल्ली और बिहार पुलिस की एक टीम द्वारा आरोपी मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस उपायुक्त ने कहा, आरोपी से शुरुआती पूछताछ और मेडिको लीगल केस रिपोर्ट (एमएलसी) से पता चला है कि उसने मासूम को मृत सोचकर छोड़ा था। मासूम बच्ची 40 घंटे से ज्यादा समय तक कमरे में बंद रही थी।
घटना का क्रमवार विवरण देते हुए प्रभाकर ने बताया, मनोज 15 अप्रैल को रात साढ़े आठ बजे स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से दिल्ली छोड़कर चला गया और बिहार में अपने ससुर के घर 17 अप्रैल को पहुंचा। जहां से उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया, मनोज के दो भाई और चार बहनें हैं, जो बिहार में रहते हैं। वह अपने पिता के साथ 15 साल पहले दिल्ली आया था और तब से यही रह रहा था।
पुलिस उपायुक्त प्रभाकर ने बताया, आरोपी मनोज का पिता पूर्वी दिल्ली के पुराने सीलमपुर इलाके में जूस की दुकान चलाता है, जबकि मनोज एक कपड़ा कारखाने में अस्थायी मजदूर के रूप में काम करता था। पुलिस ने बताया कि बच्ची का अपहरण 15 अप्रैल को किया गया और पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में एक मकान के कमरे में दो दिनों तक बिना भोजन-पानी के बंधक बनाकर रखा गया, आरोपी उसी कमरे में रहता था। पीड़ित बच्ची का परिवार भी उसी मकान में रहता है। पांच साल की मासूम बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। घटना का खुलासा तब हुआ, जब एक पड़ोसी ने बच्ची की चीख को सुना और फिर उसके परिवारवालों को सूचित किया। वह जिस कमरे में बंद थी उसके दरवाजे को तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला गया।
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