गुड़गांव:
दिल्ली पुलिस के अधिकारी कहते हैं कि पीसीआर वैन का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं होता लेकिन दिल्ली से सटे गुड़गांव में बिल्कुल इसके उलट है... गुड़गांव पीसीआर वैन अपने क्षेत्र के अनुसार चलती है।
दरअसल, गुड़गांव में सोमवार को शीतला माता रोड पर चलते ऑटो से एक लड़की को फेंक दिया गया जिसमें लड़की को कुछ चोटें भी आईं... तभी वहां से गुजर रहे कांग्रेसी विधायक ने जैसे ही यह देखा वह गाड़ी से नीचे उतरे और उन्होंने पीड़ित लड़की को सम्भालकर उसकी मदद की। विधायक ने खुद ही गुड़़गांव पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया... लेकिन करीब आधे घंटे तक वहां गुड़़गांव पुलिस का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा। आधे घंटे बाद वहां से गुड़़गांव पुलिस की पीसीआर वैन नम्बर नौ गुजरी...विधायक ने उसे रोकना चाहा तो पीसीआर वैन में बैठे पुलिसकर्मी का कहना था कि वे तो किसी और काम से जा रहे हैं... लड़की को ले जाने के लिए दूसरी पीसीआर आ रही है।
यह सारा वाकया मोबाइल कैमरे में कैद हो गया और आखिर में पीसीआर वैन नम्बर नौ वहां से बिना मामला जाने निकल गए लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर आपका साथ देने का नारा देने वाली गुड़गांव पुलिस की लाचारी नजर आ रही है कि उस घायल लड़की को सड़क पर छोड़कर चले गए।
हालांकि, लड़की को ऑटो से फेंकने के मामले में पीड़िता लड़की ने पुलिस में किसी प्रकार की शिकायत नहीं की लेकिन इस मामले ने गुड़गांव पुलिस की पोल खोल दी। सवाल यह उठता है कि अगर यह मामला भी दिल्ली गैंगरेप जैसा होता तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
दरअसल, गुड़गांव में सोमवार को शीतला माता रोड पर चलते ऑटो से एक लड़की को फेंक दिया गया जिसमें लड़की को कुछ चोटें भी आईं... तभी वहां से गुजर रहे कांग्रेसी विधायक ने जैसे ही यह देखा वह गाड़ी से नीचे उतरे और उन्होंने पीड़ित लड़की को सम्भालकर उसकी मदद की। विधायक ने खुद ही गुड़़गांव पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया... लेकिन करीब आधे घंटे तक वहां गुड़़गांव पुलिस का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा। आधे घंटे बाद वहां से गुड़़गांव पुलिस की पीसीआर वैन नम्बर नौ गुजरी...विधायक ने उसे रोकना चाहा तो पीसीआर वैन में बैठे पुलिसकर्मी का कहना था कि वे तो किसी और काम से जा रहे हैं... लड़की को ले जाने के लिए दूसरी पीसीआर आ रही है।
यह सारा वाकया मोबाइल कैमरे में कैद हो गया और आखिर में पीसीआर वैन नम्बर नौ वहां से बिना मामला जाने निकल गए लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर आपका साथ देने का नारा देने वाली गुड़गांव पुलिस की लाचारी नजर आ रही है कि उस घायल लड़की को सड़क पर छोड़कर चले गए।
हालांकि, लड़की को ऑटो से फेंकने के मामले में पीड़िता लड़की ने पुलिस में किसी प्रकार की शिकायत नहीं की लेकिन इस मामले ने गुड़गांव पुलिस की पोल खोल दी। सवाल यह उठता है कि अगर यह मामला भी दिल्ली गैंगरेप जैसा होता तो इसका जिम्मेदार कौन होता।