पत्रकार ने रेप की खबर छापी तो उल्टा उसी के उपर मुकदमा दर्ज हो गया. मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का है. यहां की पुलिस ने धर्मेंद्र मिश्रा नाम के एक पत्रकार के खिलाफ मारपीट और लूट का मामला दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक धर्मेंद्र मिश्रा एक राष्ट्रीय अखबार के ब्यूरो चीफ हैं. उनका आरोप है कि 10 सितंबर को उन्होंने एक युवती से हुए कथित रेप की खबर छापी थी और लिखा था कि पुलिस रेप की घटना पर पर्दा डालना चाहती है. इसके बाद 14 नवंबर को फिर जब रेप पीड़िता की खबर छापी तो उसके बाद 16 नवंबर को सुल्तानपुर पुलिस ने करीब सालभर पुरानी एक शिकायत पर उनपर ही मारपीट और पैसे छीनने का मामला दर्ज कर दिया.
यूपी में सच लिखने वाले पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा दर्ज़ कराकर @myogiadityanathसरकार मीडिया की आवाज को दबा रही है सुलतानपुर जिले में महिलाओं के साथ दुष्कर्म व अन्य अपराध की सच्चाई लिखने वाले एक अखबार के ब्यूरोचीफ धर्मेंद्र मिश्रा पर ₹2500 की लूट का फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज़ करा दिया
— Rajiv Tyagi (@RTforINC) December 4, 2019
पीड़ित पत्रकार ने सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार के खिलाफ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक से गुहार लगाई है. उधर सुल्तानपुर के एसपी हिमांशु कुमार का कहना है कि एक सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, इससे खबर छापने का कोई ताल्लुक नहीं है.
हालांकि, पत्रकार धर्मेंद्र मिश्रा का आरोप है कि सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक कथित रेप की खबर अपने मुताबिक छपवाना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तब से मामला दर्ज करने की धमकी देने लगे. केस दर्ज करने से पहले कई बार व्हाट्सअप मैसेज के जरिए कथित तौर पर धमकी भी दी. उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते कहा कि पत्रकारों के खिलाफ पुलिस फर्जी मामले दर्ज करके उनकी आवाज को दबाना चाहती है.
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