यह ख़बर 20 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लोकपाल पर 'लेनदेन' की संभावना कायम : पीएम

खास बातें

  • मनमोहन सिंह ने लोकपाल विधेयक पर लेनदेन की संभावना पर जोर देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा और बातचीत के लिए तैयार है।
New Delhi:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल विधेयक पर लेनदेन की संभावना पर जोर देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा और बातचीत के लिए तैयार है। सिंह ने कहा कि लेनदेन की पूरी संभावना है और सरकार चर्चा एवं संवाद के लिए तैयार है, ताकि एक राष्ट्रीय सहमति बन सके। योजना आयोग की एक बैठक के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, हम सभी ऐसे लोकपाल के पक्ष में हैं, जो मजबूत और प्रभावी है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि हम चर्चा और बातचीत के लिए तैयार हैं। हम इस पर एक व्यापक राष्ट्रीय सहमति चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसे में लेनदेन की बहुत संभावना है। हमें उम्मीद है कि सभी वैचारिक तबकों से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं, ताकि एक मजबूत एवं प्रभावी लोकपाल को सुनिश्चित किया जा सके, जो समाज के सभी तबके चाहते हैं। मनमोहन ने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर सर्वदलीय सम्मेलन में सभी राजनीतिक दलों की ओर से लोकपाल विधेयक की मांग के मुताबिक यह विधेयक प्रस्तुत किया गया था। उन्होंने कहा, दलों ने कहा कि हम तब तक अपनी राय नहीं दे सकते, जब तक सरकार मसौदा नहीं लाती। हमने उस जिम्मेदारी को भी पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम चर्चा और संवाद के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि इस पर एक राष्ट्रीय सहमति पैदा हो। हम सभी ऐसे लोकपाल के पक्ष में है, जो मजबूत और प्रभावी है। हजारे की ओर से इस महीने के आखिर तक जन लोकपाल विधेयक पारित करने की मांग के संदर्भ में सिंह ने कहा, मेरा मानना है कि कुछ परेशानिया हैं। यह विधायी प्रक्रिया से जुड़ा एक तर्क है। उन्होंने कहा, जो भी कहा जा रहा है कि मैं उस पर कुछ कहना अथवा विवाद पैदा नहीं करना चाहता। सिंह ने उम्मीद जताई कि जनता इस बात को मानेगी कि विधायी प्रक्रिया में गतिशीलता है, जो समय लेती है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को एक मजबूत और प्रभावी लोकपाल लाने एवं इसके रास्ते में आनी वाली बाधाओं को दूर करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।


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