नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती पर देश भर में कार्यक्रम हुए. बंगाल में पीएम मोदी (Prime Minister) केंद्र सरकार के पराक्रम दिवस में शामिल हुए. कोलकाता पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले नेताजी भवन पहुंचे. प्रधानमंत्री लगभग 15 मिनट तक वहां रहे. पीएम मोदी ने नेशनल लाइब्रेरी में एक संग्रहालय का उद्घाटन किया. विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज नेताजी होते और देखते कि राफेल विमान लाने के साथ तेजस विमान भारत खुद बना रहा है. उनका भारत इतनी बड़ी महामारी से इतनी ताकत से लड़ा है. कैसे वैक्सीन बनाकर अपनों के साथ दूसरे देशों की भी मदद कर रहा है.एलएसी से लेकर एलओसी तक जहां कहीं से भी भारत की संप्रभुता को चुनौती दी गई, वहां भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी. आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा.'' उन्होंने कहा कि मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं.मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं.नेताजी का संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे.नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया. उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया.
नरेंद्र मोदी ने कहा,"आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया करेंगे."
उन्होंने कहा, ''उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था. उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा. उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया. नेताजी ने संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे. नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया. उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया.''
PM मोदी ने कहा, ''आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था. नेताजी ने "दिल्ली दूर नहीं" का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया. जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था. बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी. मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था.''
इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था, और लिखा था कि महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन. कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा.
PM Shri @narendramodi pays tribute to Netaji Subhas Chandra Bose at Netaji Bhavan in Kolkata. #ParakramDivas pic.twitter.com/LzaqHVYz11
— BJP (@BJP4India) January 23, 2021
इधर राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की उस पहल की आलोचना की है जिसके तहत केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय आज नेताजी की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस मना रहा है.कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले ही शनिवार की सुबह ममता बनर्जी ने 'पराक्रम दिवस' मनाने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि बंगाल सरकार तो देशनायक दिवस मना रही है. बनर्जी ने इस तर्क के पीछे गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर का भी नाम जोड़ा था.
गौरतलब है कि नेताजी का जन्म 23 जनवरी को ओडिशा के कटक में हुआ था. भारत सरकार ने उनकी जयंती को ‘‘पराक्रम दिवस'' के रूप में मनाने की घोषणा की है. केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने उनकी 125वीं जयंती पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है. प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित ‘‘पराक्रम दिवस'' समारोह में शिरकत करेंगे.
पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले इन घोषणाओं को काफी अहम माना जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 130 साल पुरानी इस ट्रेन का नाम बदलने का ऐलान किया. इस ट्रेन का इस्तेमाल नेताजी ने 1941 में ब्रिटिश हुकूमत की कैद से फरार होने के दौरान किया था.
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