नई दिल्ली/लखनऊ:
दशहरा के मौक़े पर लखनऊ के ऐशबाग दशहरा समारोह में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए 'जयश्रीराम' के उद्घोष के साथ भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि 'मुझे अति प्राचीन रामलीला समारोह में आने का सौभाग्य मिला. इसी धरती ने श्रीराम और कृष्ण दिए . विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है. हम रावण को तो हर वर्ष जलाते हैं, आखिर इस परंपरा से हमें क्या सबक लेना है... रावण को जलाते समय हमारा यह संकल्प होना चाहिए कि हम भी हमारे भीतर, हमारी सामाजिक रचना, राष्ट्रीय जीवन में जो-जो बुराइयां हैं, उन्हें भी ऐसे ही खत्म करके रहेंगे'.
पीएम द्वारा कही गई मुख्य बातें...
पीएम से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि लखनऊ मिली-जुली भारतीय संस्कृति की जीती-जागती मिसाल है. लखनऊ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मनगरी है. पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का सिर ऊंचा किया है. शिखर पर मौजूद भ्रष्टाचार को रोकने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कामयाबी पाई. राजनाथ ने आगे कहा कि रावण धनवान भी था और बलवान भी. रावण और राम में अगर अंतर है तो वह है चरित्र का.
इससे पूर्व यहां पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राम-लक्ष्मण-सीता-हनुमान की मंच पर आरती उतारी. पीएम मोदी के आने के चलते ऐशबाग रामलीला मैदान की किलेबंदी की गई थी. मंच पर राजनाथ सिंह के अलावा, राज्यपाल राम नाईक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे.
लखनऊ एयरपोर्ट पर यूपी के राज्यपाल राम नाइक, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया.
ये पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री लखनऊ के ऐशबाग रामलीला ग्राउंड में आयोजित होने वाले दशहरा समारोह में शामिल हुए. हालांकि सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री रावण दहन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने रावण वध का मंचन देखा.
उधर, नई दिल्ली में धार्मिक रामलीला कमेटी के कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी शामिल हुए. लाल क़िले पर रावण दहन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी कार्यक्रम में शामिल रहे.
पीएम द्वारा कही गई मुख्य बातें...
- बुराइयों को खत्म करने की क्षमता ईश्वर ने सभी को दी हैं.
- हमारे अंदर बुरी सोच के रूप में पल रहे रावण को खत्म करना है.
- आतंकवाद मानवता का दुश्मन है.
- प्रभु राम मानवता के उच्च मूल्य, आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
- आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले लड़ाई जटायु ने लड़ी थी.
- 26/11 के हादसे के बाद सारी दुनिया के गले उतर गया कि आतंकवाद कितना खतरा है.
- आतंकवाद की कोई सीमा और मर्यादा नहीं है.
- विश्व की मानवतावादी शक्तियों का आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना जरूरी.
- आतंकवाद को पनाह देने वालों को जड़ से खत्म करने की जरूरत पैदा हुई है.
- आतंक को पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जा सकता.
- आतंकवाद को खत्म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं.
- दुराचार, भ्रष्टाचार को खत्म करने का देश के हर नागरिक को संकल्प लेना होगा.
- गंदगी रूपी रावण से मुक्ति पाकर देश के गरीब परिवार, जो बीमारी और मौत के शिकार हो जाते हैं, हम उन्हें बचा सकते हैं.
- बेटे और बेटी में अंतर कर हम कितनी सीताओं को मौत के घाट उतार देते हैं, हमारे भीतर मौजूद इस रावण को खत्म करना जरूरी है.
- चाहे हम किसी भी समाज, संप्रदाय से क्यों न हो, बेटियां समान होनी चाहिए. महिलाओं के अधिकार समान होने चाहिए.
- धरती का मार्ग युद्ध का नहीं, बुद्ध का है.
- युद्ध के मैदान में गीता कहने वाले भगवान श्रीकृष्ण को हम युगपुरुष मानते हैं.
- हम युद्ध से बुद्ध की यात्रा वाले लोग हैं.
पीएम से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि लखनऊ मिली-जुली भारतीय संस्कृति की जीती-जागती मिसाल है. लखनऊ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मनगरी है. पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का सिर ऊंचा किया है. शिखर पर मौजूद भ्रष्टाचार को रोकने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कामयाबी पाई. राजनाथ ने आगे कहा कि रावण धनवान भी था और बलवान भी. रावण और राम में अगर अंतर है तो वह है चरित्र का.
इससे पूर्व यहां पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राम-लक्ष्मण-सीता-हनुमान की मंच पर आरती उतारी. पीएम मोदी के आने के चलते ऐशबाग रामलीला मैदान की किलेबंदी की गई थी. मंच पर राजनाथ सिंह के अलावा, राज्यपाल राम नाईक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे.
लखनऊ एयरपोर्ट पर यूपी के राज्यपाल राम नाइक, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया.
ये पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री लखनऊ के ऐशबाग रामलीला ग्राउंड में आयोजित होने वाले दशहरा समारोह में शामिल हुए. हालांकि सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री रावण दहन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने रावण वध का मंचन देखा.
उधर, नई दिल्ली में धार्मिक रामलीला कमेटी के कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी शामिल हुए. लाल क़िले पर रावण दहन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी कार्यक्रम में शामिल रहे.
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