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This Article is From Dec 10, 2020

2014 में पहली बार संसद पहुंचने के पल को PM नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसे किया याद

इस बड़़े अवसर पर पीएम मोदी ने उस मौके पर शिद्दत से याद किया जब वे सांसद के तौर पर चुने जाने के बाद पहली बार संसद भवन पहुंचे थे.

पीएम मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन के लिए भूमिपूजन किया

Quick Take
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सांसद के तौर पर पहुंचे थे संसद के आगे माथा टेका था
पीएमओ की ओर से किया गया है इस बारे ट्वीट
कहा, नया संसद भवन समय और जरूरत के अनुरूप होगा
नई दिल्ली:

Lay Foundation of New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को नए संसद भवन (New parliament building) के निर्माण के लिए भूमिपूजपन किया. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान के साथ आधारशिला रखी. इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना पढ़ी गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने. इस बड़़े अवसर पर पीएम मोदी ने उस मौके पर शिद्दत से याद किया जब वे सांसद के तौर पर चुने जाने के बाद पहली बार संसद भवन पहुंचे थे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से एक ट्वीट में कहा गया था, 'मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था. तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था.'

PM मोदी ने रखी नए संसद भवन की नींव, मंत्री-नेतागण और रतन टाटा भी हुए शामिल

नए संसद भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा, 'नयासंसद भवन समय और जरूरतों के अनुरूप है.ये इमारत करीब 100 साल की हो रही है, कितनी बार अपग्रेड किया गया है, दीवारों को तोड़ा गया. अब यह विश्राम मांग रहा है.' उन्‍होंने कहा कि बरसों से इस बात की जरूरत महसूस की गई कि 21 वी सदी के भारत को नई संसद मिले. नया भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा । संसद का नया भवन अपना पहचान स्थापित करेगा । आजादी के 75 साल के मौके पर इसका निर्माण हुआ है.'

इससे पहले, लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला ने कहा, 'पुराने संसद भवन के 93 साल हो गए हैं.लोकतंत्र के बढ़ते स्वरूप को लेकर नये भवन की जरूरत महसूस हुई. पिछले साल 5 अगस्त को दोनो सदनों के सदस्यों ने इसको लेकर अनुरोध किया था. मुझे विश्वास है यह आधुनिक तकनीक से भरपूर लोकतांत्रिक उम्मीदों पर खरा उतरेगा.'

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