नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा गुजरात में हुई हिंसा (पटेल आरक्षण की मांग को लेकर) ने देश को बहुत पीड़ा दी और उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों महात्मा गांधी और सरदार की भूमि गुजरात में हुई हिंसा ने बहुत पीड़ा दी। इसने पूरे देश को बेचैन किया, लेकिन बहुत कम समय ने गुजरात के नागरिकों ने हालातों को संभाला और गुजरात दोबारा शांति के मार्ग पर चल पड़ा। शांति, एकता और भाईचारा ही सही रास्ता है और विकास ही हमारी हर समस्या का समाधान है।
पीएम ने आगे कहा, भ्ूामि अधिग्रहण कानून के संबंध में विवाद चल रहा है, उसके विषय में सरकार का मन खुला है। मैं किसानों के हित के किसी भी सुझाव को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आई थी, लेकिन मैंने देखा कि इतने भम्र फैलाए गए और किसानों को भ्रमित कर दिया गया। मैं किसानों को भयभीत करने का कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता। किसानों के हक में मुझे हर सुझाव मंजूर है। लैंड बिल ऑर्डिनेंस की सीमा समाप्त हो रही है और मैंने तय किया कि इसे समाप्त होने दिया जाए। हम 13 बिंदुओं को नियमों के तहत लाकर आज से ही लागू कर रहे हैं, ताकि किसानों को नुकसान न हो। जय-जवान, जय-किसान ये नारा नहीं है, बल्कि हमारा मंत्र है।
पीएम ने देश के नागरिकों को ओणम और रक्षा बंधन की शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि जनधन योजना में बैकों का काम सराहनीय है। पीएम ने कहा, कि देश भर में सवा लाख बैंक मित्र कार्यरत हैं और वे बेहतर काम कर रहे हैं। इसके जरिए नौजवानों को रोजगार भी मिला है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, पिछले दिनों मैं सूफी परंपरा के लोगों से मिला और उनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा। मुझे विश्वास है कि सूफ़ी परम्परा जो प्रेम से, उदारता से जुड़ा हुआ है वे इस संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाएंगे। ये परंपरा हर जगह पहुंचनी चाहिए। दुनिया को इस्लाम के सही स्वरुप को सही रूप में पहुंचाना सबसे अधिक आवश्यक हो गया है I
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि साइंस के क्षेत्र में, भारत कई दिशाओं में, बहुत ही उत्तम प्रकार के काम कर रहा है। सभी नौजवान मित्र साइंस की तरफ़ रूचि लें और हमारे एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस भी विद्यार्थियों को प्रेरित करें।
पीएम ने कहा, मैं चाहता हूं कि इंटरव्यू की परंपरा से एक स्तर से नीचे तो मुक्ति होनी चाहिए। करीब-करीब अब निर्णय अमल भी हो जायेगा कि इंटरव्यू के चक्कर से छोटी-छोटी नौकरियां छूट जाएंगी। गरीब को सिफ़ारिश के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा। एक्सप्लॉइटेसन नहीं होगा और करप्शन भी नहीं होगा।
पीएम ने 1965 युद्ध के शहीदों को भी नमन किया और डेंगू से बचाव के प्रति भी लोगों को जागरूक किया। साथ ही अमेरिका में साइकिल रेस जीतने वाले महाजन बंधुओं को बधाई भी दी।
दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों ट्वीट कर लोगों से इस बार चर्चा के विषय के बारे में सुझाव मांगे थे। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, "मुझे यकीन है कि 30 अगस्त को प्रसारित होने वाले अगले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए आपके पास कई सुझाव और विचार हैं।"
पीएम मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के पिछले संस्करणों में इससे पहले कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात कर चुके हैं।
पीएम ने आगे कहा, भ्ूामि अधिग्रहण कानून के संबंध में विवाद चल रहा है, उसके विषय में सरकार का मन खुला है। मैं किसानों के हित के किसी भी सुझाव को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आई थी, लेकिन मैंने देखा कि इतने भम्र फैलाए गए और किसानों को भ्रमित कर दिया गया। मैं किसानों को भयभीत करने का कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता। किसानों के हक में मुझे हर सुझाव मंजूर है। लैंड बिल ऑर्डिनेंस की सीमा समाप्त हो रही है और मैंने तय किया कि इसे समाप्त होने दिया जाए। हम 13 बिंदुओं को नियमों के तहत लाकर आज से ही लागू कर रहे हैं, ताकि किसानों को नुकसान न हो। जय-जवान, जय-किसान ये नारा नहीं है, बल्कि हमारा मंत्र है।
पीएम ने देश के नागरिकों को ओणम और रक्षा बंधन की शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि जनधन योजना में बैकों का काम सराहनीय है। पीएम ने कहा, कि देश भर में सवा लाख बैंक मित्र कार्यरत हैं और वे बेहतर काम कर रहे हैं। इसके जरिए नौजवानों को रोजगार भी मिला है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, पिछले दिनों मैं सूफी परंपरा के लोगों से मिला और उनकी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा। मुझे विश्वास है कि सूफ़ी परम्परा जो प्रेम से, उदारता से जुड़ा हुआ है वे इस संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाएंगे। ये परंपरा हर जगह पहुंचनी चाहिए। दुनिया को इस्लाम के सही स्वरुप को सही रूप में पहुंचाना सबसे अधिक आवश्यक हो गया है I
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि साइंस के क्षेत्र में, भारत कई दिशाओं में, बहुत ही उत्तम प्रकार के काम कर रहा है। सभी नौजवान मित्र साइंस की तरफ़ रूचि लें और हमारे एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस भी विद्यार्थियों को प्रेरित करें।
पीएम ने कहा, मैं चाहता हूं कि इंटरव्यू की परंपरा से एक स्तर से नीचे तो मुक्ति होनी चाहिए। करीब-करीब अब निर्णय अमल भी हो जायेगा कि इंटरव्यू के चक्कर से छोटी-छोटी नौकरियां छूट जाएंगी। गरीब को सिफ़ारिश के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा। एक्सप्लॉइटेसन नहीं होगा और करप्शन भी नहीं होगा।
पीएम ने 1965 युद्ध के शहीदों को भी नमन किया और डेंगू से बचाव के प्रति भी लोगों को जागरूक किया। साथ ही अमेरिका में साइकिल रेस जीतने वाले महाजन बंधुओं को बधाई भी दी।
दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों ट्वीट कर लोगों से इस बार चर्चा के विषय के बारे में सुझाव मांगे थे। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, "मुझे यकीन है कि 30 अगस्त को प्रसारित होने वाले अगले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए आपके पास कई सुझाव और विचार हैं।"
पीएम मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के पिछले संस्करणों में इससे पहले कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात कर चुके हैं।
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