ऑपरेशन गंगा पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज यह विश्वास है कि किसी भी संकट से पीएम मोदी निकाल लेंगे. बीस हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को उक्रेन से तीन हफ्ते में निकाला गया. मोदी ने विश्व में भारत की साख बनाई है, उसका लाभ मिल रहा है. यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 बार संबंधित राष्ट्र प्रमुखों से बातचीत की. रूस के राष्ट्रपति से तीन बार बात की, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से दो बार बात की. इसी तरह उन्होंने उनकी सीमाओं से जुड़े राष्ट्र प्रमुखों से बात की. आठ बार उच्चस्तरीय बैठक की.
पीयूष गोयल ने कहा कि ऑपरेशन गंगा सफल रहा. भारत सरकार ने अपने छात्रों की पूरी मदद की. चार वरिष्ठ मंत्रियों को विशेष दूत बना कर भेजा गया. अन्य देश तो बाद में सक्रिय हुए. चीन की पहली उड़ान पांच मार्च को चली, अमेरिका ने बोल दिया कि आप खुद निकल आइए हम आपकी मदद नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि हम कई अन्य देशों के बच्चों को लाए. पाकिस्तान के बच्चे को भी मदद दी. कई सेवा संस्थाओं को झोंका गया, प्राइवेट एयरलाइंस लग गईं. एयरफोर्स लगाई गई. प्रधानमंत्री ने कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुखों, एनजीओ से बात की कि वे नागरिकों की मदद करें. भारतीय समुदाय के लोगों का भी योगदान मिला.
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से यह इवैक्युएशन संभव हुआ. विदेश मंत्री ने तो विश्राम तक नहीं किया, चौबीसों घंटें इस पर निगरानी रखी. प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और अन्य अधिकारियों ने दिन-रात मेहनत की.
उन्होंने कहा कि सबने बच्चों की चिंता की. शायद पहली बार ऐसा हुआ जब वॉर चल रहा हो, मिसाइलें चल रही हों, तब सबको लाने का काम किया गया. प्रधानमंत्री ने सभी राज्य सरकारों से, कलेक्टरों से अनुरोध किया कि वे सभी बच्चों की देखभाल करें. यह भी पहली बार हुआ कि सरकारी अफसर लगभग हर परिवार के घर गए, उनसे बातचीत की, उनकी समस्या समझी.
केंद्रीय मंत्री ने कही कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने भी अहम भूमिका निभाई. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने देश भर में लगभग साढ़े अठारह हजार बच्चों के परिवार वालों के घर संपर्क किया. उनके परिवार जन से मिलना, उनका दुख सुख समझना. सरकारी तंत्र ने भी काम किया और भारतीय जनता पार्टी ने भी. इस संकट की घड़ी में सब एक साथ खड़े रहे.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने इस पर भी राजनीति करने की कोशिश की. जब संकट आता है तो परिवार के लोग आपसी मतभेद के बावजूद एक हो जाते हैं, लेकिन इस संकट के समय में बजाय लोगों को सांत्वना देना, उनका मनोबल बढ़ाना, कांग्रेस के नेता गलत प्रचार करने में लगे रहे.
उन्होंने कहा कि हमने पीएम मोदी का काम देखा कि वे दिन-रात इस काम में लगे रहे कि बच्चों को वापस कैसे लाना है. लेकिन कांग्रेस के नेता और उनकी सरकारें बजाय इसके कि परिवार के लोगों से मिलें, उन्हें सहारा दें, राजनीति करने में लगे रहे. कांग्रेस हौसला बढ़ा सकती थी, पीएम के साथ खड़ी रह सकती थी. केरल कांग्रेस ने पुराना फोटो इस्तेमाल करके कहा कि यह इवैक्युएशन यूपीए ने किया.
गोयल ने एक बच्चे का वीडियो शेयर किया जिसमें वह रो रहा है, जबकि वह रेस्क्यु हो चुका था और उसने भारत सरकार का धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा कि जब यूक्रेन और रूस से बात हो रही थी, बच्चों को निकालने के लिए, तब कांग्रेस के एक नेता रूस के खिलाफ बयान दे रहे थे.. यह इवैक्युएशन को संकट में डालने का काम था. राहुल गांधी इमरान खान को कोट करके एक न्यूज शेयर कर रहे थे. यह बहुत दुर्भाग्य की बात है. यह शर्म की बात है कि राजनीति इतने नीचे के स्तर पर गिर गई है कि कांग्रेस और उसके मित्र दल ऐसे संकट के समय भी राजनीति कर रहे थे.
गोयल ने कहा कि कांग्रेस लगातार ट्वीट कर रही थी कि हमारे लोग यूक्रेन में भारतीय राजदूत को फोन कर रहे थे. ऐसा कर उनकी लाइन ब्लॉक कर रहे थे. तमिलनाडु सरकार अपने डेलीगेशन की बात कर रही थी. ऐसे समय छात्रों की चिंता करें या इनकी चिंता करें.
उन्होंने कहा कि किसी एम्बेसी अधिकारी को हमारे मंत्री ने अपने काम में इनवाल्व नहीं किया. जब दक्षिण भारत के एक मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के बच्चों को प्राथमिकता दीजिए, इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता. भारत सरकार सब बच्चों को एक तरह मान कर चल रही थी.
उन्होंने कहा कि आज खुशी है कि हमारे लगभग सारे बच्चे लौटने में सफल हो रहे हैं. सुमी वाले बच्चे भी कल तक वापस आ जाएंगे. उन्हें एयरपोर्ट से लेकर घर तक पहुंचाने की चिंता की गई है. यह उदाहरण है कि पीएम मोदी कैसे हर नागरिक की चिंता करते हुए दिन रात काम करते हैं, वहीं कुछ राजनीतिक दल ओछी राजनीति करते रहे.
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