प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) विजयदशमी के मौके पर भले ही शुक्रवार को 7 नये रक्षा कंपनी देश को सौपेंगे, मगर आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board) के कर्मचारी इसका बहिष्कार करेंगे. इनका मानना है कि 220 साल पुरानी आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board) को खत्म कर सरकार ने जो 7 नये कंपनी बनाये हैं, वह ना तो देश के हित है और ना ही कर्मचारियो के हित में है. इसके अलावा ये कैसी विडंबना है कि जिन 7 डीपीएसयूएस (DPSUS) को देश को सौंपने की बात की जा रही है, उसमें पहले से हीं 74000 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, सेना व देश के लिए समर्पित ये कर्मचारी अब अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं. लेकिन अब आंदोलन तक नहीं कर पा रहे हैं, जब प्रधानमंत्री शुक्रवार को 12:10 पर इन सात डीपीएसयूएस (DPSUS) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, तो ये कर्मचारी गेट पर हाथ में काले पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
बीजेपी से जुड़े भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ और लेफ्ट से जुड़े ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन का कहना है कि देशभर के 41 आयुध निर्माणी बोर्ड के कर्मचारी सरकार के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. एआईडीईएफ के महासचिव श्रीकुमार ने कहा कि इससे बड़ा तमाशा कुछ नहीं हो सकता है कि हमारी सैकड़ों साल पुरानी अपनी कंपनी को फिर से समर्पित कर रहे हैं. वहीं, बीपीएमएस के महासचिव मुकेश सिंह ने बताया कि अच्छा होता किसी नये कंपनी का लोकार्पण करते. सब कुछ पुरानी ही तो है, बस अपना नया कलेवर देकर उद्घाटन कर रहे हैं, वो भी तब जब कर्मचारी इसके विरोध में हैं.
रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर को आदेश जारी कर कहा कि 1 अक्टूबर से आयुध निर्माणी बोर्ड को समाप्त कर 7 नई कंपनियां बनाई है. अब कर्मचारी कारखानों में हड़ताल नहीं कर सकते और ना ही किसी को उकसा सकते हैं. ऐसा करने पर जेल के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. हालांकि, इन दोनों मजदूर संगठनों ने सरकार के आयुध निर्माणी बोर्ड को खत्म कर 7 निगम बनाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. सेना के लिये यूनिफॉर्म से लेकर हथियार, गोला बारूद, तोप और मिसाइल बनाने वाली कारखानों के कर्मचारी सरकार के खिलाफ ना केवल नाराज हैं बल्कि गुस्से में भी हैं.
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