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This Article is From Dec 04, 2021

पीएम मोदी 7 दिसंबर को गोरखपुर में 9600 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे

पीएमओ ने कहा कि गोरखपुर संयंत्र परियोजना में 149.2 मीटर का दुनिया का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टावर है. इसमें भारत का पहला वायु संचालित रबर डैम और सुरक्षा पहलुओं को बढ़ाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ नियंत्रण कक्ष भी है.

पीएम मोदी 7 दिसंबर को गोरखपुर में 9600 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का दौरा करेंगे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसंबर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का दौरा करेंगे और वहां 9600 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी जिन परियोजनाओं को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे उनमें गोरखपुर खाद कारखाना भी शामिल है, जिसकी आधारशिला उन्होंने खुद जुलाई 2016 में रखी थी. पीएमओ ने कहा कि पिछले 30 सालों से बंद पड़े इस कारखाने को 8600 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित किया गया है.

पीएमओ ने कहा कि यूरिया के उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भरता हासिल करने की प्रधानमंत्री की दृष्टि से प्रेरणा लेकर इसे फिर से प्रारंभ किया जा रहा है. गोरखपुर संयंत्र स्‍वदेशी नीम कोटेड यूरिया का सालाना 12.7 एलएमटी उत्‍पादन करेगा. पीएमओ ने कहा कि इससे होने वाले उत्पादन से पूर्वांचल और इससे सटे इलाके के किसानों को बहुत फायदा पहुंचेगा तथा पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. इस परियोजना को हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के नेतृत्व में स्थापित किया गया है, जो नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है और यह गोरखपुर, सिंदरी व बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर काम कर रही है.

पीएमओ ने कहा कि गोरखपुर संयंत्र परियोजना में 149.2 मीटर का दुनिया का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टावर है. इसमें भारत का पहला वायु संचालित रबर डैम और सुरक्षा पहलुओं को बढ़ाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ नियंत्रण कक्ष भी है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री पूरी तरह से क्रियान्वित किए जा चुके गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) परिसर का भी उद्घाटन करेंगे. इसे 1000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुसार तृतीय स्‍तर की स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं.

एम्स की इस शाखा में सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, चिकित्सा महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास और छात्रावास शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2016 में इसकी आधारशिला रखी थी. प्रधानमंत्री गोरखपुर में आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केन्‍द्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे. पीएमओ ने कहा कि क्षेत्र में जापानी इंसेफलाइटिस व एक्यूट इंसेफलाइटिस बीमारी की चुनौती से निपटने में इस केन्‍द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पीएमओ के मुताबिक, अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को सहायता प्रदान करेगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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