प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्व आर्थिक मंच की बैठक को वर्चुअली संबोधित किया. पीएम ने कहा कि भारत.कोरोना लहर का मजबूती से सामना कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हमने करोना के दौरान इकोनामिक रिफॉर्म पर भी फोकस किया है.जब से कोरोना का दौर शुरू हुआ, तब से हम 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंचा रहे हैं. हमने आर्थिक सुधारों पर भी बहुत फोकस किया है. आज हमारे कदमों की दुनिया के अर्थशास्त्री भी सराहना कर रहे हैं. दुनिया के अपेक्षाओं को भारत जरूर पूरा करेगा. आज भारत कोरोना की एक ओर लहर का सावधानी और सतर्कता से मुकाबला कर रहा है. भारत आर्थिक क्षेत्र में भी कई आशावान परिणामों के साथ आगे बढ़ रहा है. भारत में आज आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्साह भी है. भारत आज एक साल में ही करीब 160 करोड़ वैक्सीन डोज देने के आत्मविश्वास से भी भरा है.
Addressing the World Economic Forum's #DavosAgenda. @wef https://t.co/SIjcQ741NB
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2022
भारत कोरोना के एक नए Wave से मुकाबला कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को उम्मीदों भरा तोहफा दिया है. भारत 'One Earth, One Health' के तहत दुनिया के कई देशों को वैक्सीन देकर करोड़ों जीवन बचा रहा है.भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा उत्पादक है. पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी ( CRYPTO CURRENCY) पर कहा कि जिस तरह की टेक्नोलॉजी वर्चुअल करेंसी से जुड़ी है किसी एक देश के लिए इसकी चुनौती से निपटना पर्याप्त नहीं होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म (digital payments platform) है. सिर्फ पिछले महीने में भारत में UPI के माध्यम से 4.4 अरब भुगतान हुए हैं.भारत में कारोबार करने के लिए चुनौतियां हैं उसे हम समझते हैं. कारोबार में आसानी यानी 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' के तहत कारपोरेट टैक्स को हमने दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाया है. पिछली तिथि से कर भुगतान की रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स व्यवस्था में सुधार कर बिजनेस कम्युनिटी का भरोसा लौटाया है.भारत में निवेश का यह सबसे अच्छा समय है. गति शक्ति योजना के तहत योजनाओं को तेज गति से पूरा करने का समन्वित प्रयास आगे बढ़ाया जा रहा है.
निवेशकों को भारत में आने का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा,16 सेक्टर में 26 अरब डॉलर की प्रोडक्ट लिंक्ड इनशेंटिव (PLI) स्कीम चलाई गई है. इसके जरिये भारत मैन्युफैक्चरिंग के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत मेक इन इंडिया मेक फॉर वर्ल्ड पर ध्यान दे रहा है. भारत अगले 25 सालों को ध्यान में रखते हुए नीतियां तैयार कर रहा है. भारत में निवेश और निर्माण पर फोकस है. भारत में भावी विकास ग्रीन (पर्यावरण के अनुकूल), क्लीन और सस्टेनेबल (सतत स्थायी) भी होगा. भारत भले ही कार्बन उत्सर्जन में सिर्फ 5 फीसदी जिम्मेदारी रखता हो, लेकिन भारत की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ 100 फीसदी प्रतिबद्धता रखता है. भारत की ऊर्जा उत्पादन का 40 फीसदी हिस्सा गैर कोयला क्षेत्र से आ रहा है. भारत अपने लक्ष्य को नौ साल पहले ही पार पा चुका है. सोलर एलायंस के जरिये सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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