प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी खत्म करने को कहा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में फेरबदल को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ चार घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के दौरान सभी केंद्रीय मंत्रालयों के प्रदर्शन की समीक्षा की, ताकि यह पता लग सके कि क्या बजटीय आवंटन को सही ढंग से खर्च किया जा रहा है। बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि योजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाए कि उसका फायदा आम लोगों तक पहुंच सके। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष जताते हुए कहा कि नई योजनाएं लाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मौजूदा योजनाओं में ही जरूरत के मुताबिक बदलाव लाया जाए।
पीएम मोदी का विचार था कि चुनाव घोषणापत्र में जिन योजनाओं का जिक्र किया गया है, उन्हें सही भावना के साथ लागू किया जाए, ताकि विपक्ष को सरकार पर वायदे पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाने का मौका न मिल सके।
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले केंद्रीय कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने और कुछ जूनियर मंत्रियों को तरक्की मिलने की संभावना है। इससे पूर्व बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच इस मामले पर 5 घंटे बैठक चली।
अमित शाह की टीम का पुनर्गठन
कैबिनेट में इस बदलाव की घोषणा 6 जुलाई से पहले किए जाने की संभावना है, जब प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होंगे। दो प्रमुख राज्य मंत्रियों, पीयूष गोयल और धमेंद्र प्रधान को कैबिनेट रैंक पर पदोन्नत किया जा सकता है। कुछ खाली जगहों को भी भरे जाने की संभावना है। सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री की कमान संभाली, जबकि रावसाहेब पाटिल दनवे ने महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। जूनियर मंत्रियों को पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनावों को देखते हुए इन राज्यों की कमान दिए जाने की उम्मीद है। कैबिनेट विस्तार से पहले जुलाई के शुरुआती हफ्ते में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी अपनी टीम का पुनर्गठन करने वाले हैं। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन होगा, वहीं संसदीय बोर्ड में बदलाव की संभावना नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली की जा सकती है। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा को मदद देने के लिए उनके साथ एक ताकतवर राज्यमंत्री को लगाया जा सकता है। कैबिनेट में 82 से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते, जबकि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित इसमें 70 सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश से करीब दर्जन भर मंत्री हैं, जहां अगले साल चुनाव होने है। देश के सर्वाधिक आबादी वाले इस राज्य के परिणाम से 2019 के लोकसभा चुनावों के संभावित परिणामों का आकलन किया जाएगा। कैबिनेट पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच बुधवार शाम बैठक हुई है। नाम न छापने की शर्त पर सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ चार घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के दौरान सभी केंद्रीय मंत्रालयों के प्रदर्शन की समीक्षा की, ताकि यह पता लग सके कि क्या बजटीय आवंटन को सही ढंग से खर्च किया जा रहा है। बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि योजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाए कि उसका फायदा आम लोगों तक पहुंच सके। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष जताते हुए कहा कि नई योजनाएं लाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मौजूदा योजनाओं में ही जरूरत के मुताबिक बदलाव लाया जाए।
पीएम मोदी का विचार था कि चुनाव घोषणापत्र में जिन योजनाओं का जिक्र किया गया है, उन्हें सही भावना के साथ लागू किया जाए, ताकि विपक्ष को सरकार पर वायदे पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाने का मौका न मिल सके।
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले केंद्रीय कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने और कुछ जूनियर मंत्रियों को तरक्की मिलने की संभावना है। इससे पूर्व बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच इस मामले पर 5 घंटे बैठक चली।
अमित शाह की टीम का पुनर्गठन
कैबिनेट में इस बदलाव की घोषणा 6 जुलाई से पहले किए जाने की संभावना है, जब प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होंगे। दो प्रमुख राज्य मंत्रियों, पीयूष गोयल और धमेंद्र प्रधान को कैबिनेट रैंक पर पदोन्नत किया जा सकता है। कुछ खाली जगहों को भी भरे जाने की संभावना है। सर्बानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री की कमान संभाली, जबकि रावसाहेब पाटिल दनवे ने महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। जूनियर मंत्रियों को पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनावों को देखते हुए इन राज्यों की कमान दिए जाने की उम्मीद है। कैबिनेट विस्तार से पहले जुलाई के शुरुआती हफ्ते में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी अपनी टीम का पुनर्गठन करने वाले हैं। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन होगा, वहीं संसदीय बोर्ड में बदलाव की संभावना नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ मंत्रियों के विभागों में अदला-बदली की जा सकती है। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा को मदद देने के लिए उनके साथ एक ताकतवर राज्यमंत्री को लगाया जा सकता है। कैबिनेट में 82 से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते, जबकि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित इसमें 70 सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश से करीब दर्जन भर मंत्री हैं, जहां अगले साल चुनाव होने है। देश के सर्वाधिक आबादी वाले इस राज्य के परिणाम से 2019 के लोकसभा चुनावों के संभावित परिणामों का आकलन किया जाएगा। कैबिनेट पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच बुधवार शाम बैठक हुई है। नाम न छापने की शर्त पर सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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