प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान का आगाज किया. उन्होंने टोल फ्री नम्बर से शुरू इस सदस्यता अभियान के दौरान पांच सदस्यों को प्रमाण पत्र भी सौंपा. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पांच ट्रिलियन इकॉनमी को देश कैसे पा सकता है, इसकी दिशा हमने तय कर दी है. इस दौरान पीएम मोदी ने एक कविता भी पेश की. पीएम ने जो कविता पढ़ी वो कुछ यूं है, 'वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है, उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है. चुनौतियों को देखकर घबराना कैसा, इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है. विकास की यज्ञ में परिश्रम की महक है, यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है. गरीब-अमीर बने नए हिंद की भुजाएं, बदलते भारत की यही तो पुकार है. देश पहले भी चला और आगे भी बढ़ा, अब न्यू इंडिया दौड़ने को बेताब है. दौड़ना ही तो न्यू इंडिया का सरोकार है.'
देश पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी कैसे पा सकता है हमने इसकी दिशा दिखाई है: वाराणसी में बोले PM मोदी
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी का एक कविता संग्रह 'साक्षी भाव' हिंदी में प्रकाशित हो चुका है, जिसमें उन्होंने जगतजननी मां से वार्तालाप के रूप में अपने मनोभावों को व्यक्त किया है. इसमें 16 कविताएं संकलित हैं. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का आगाज करने के बाद दीनदयाल हस्तकला संकुल से निकले. वाराणसी में हो रही हल्की बारिश के बीच उनका काफिला मान मंदिर पहुंचा. मोदी ने यहां पर बने वर्चुअल म्यूजियम का अवलोकन किया. वर्चुअल म्यूजियम में काशी का स्वरूप दिखता है. यहां पर लोग 3डी माध्यम से वाराणसी का आभास करते हैं. इस म्यूजिम का उद्घाटन मोदी ने ही 19 फरवरी, 2019 को किया था. 11 करोड़ रुपये की लागत से बने इस म्यूजियम में आठ भाग हैं. सांस्कृतिक रंगों से सराबोर इस संग्रहालय में वास्तविक के बजाय सबकुछ आभासी है. बिना छुए इसे महसूस किया जा सकता है.
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