सरकार ने कहा, 'भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने की खोशिश है ये सब'
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्तावेस्टलैंड मामले पर इटली से एक सौदा किया है। सरकार ने कहा कि मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार है और इस पर ध्यान भटकाने का कोई भी दूसरा प्रयास 'गुमराह करने वाला' है।
सरकार ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र को एक आरोपी से जोड़ने के प्रयासों को भी 'पूरी तरह से निराधार दावा और दुर्भावनापूर्ण इरादे का संकेत' करार दिया।
सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में कहा, 'जो लोग प्रधानमंत्री को सफल होते नहीं देख सकते हैं वे उन पर एक सौदा करने का संकेत दे रहे हैं। इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह का कोई सौदा नहीं किया है।'
बदनाम करने के इरादे के मनगढंत आरोप
सरकार ने कहा कि कुछ लोगों ने एक आरोपी को डोभाल और मिश्र से भी जोड़ने की कोशिश की। उसने कहा, 'यह पूरी तरह से बेबुनियाद दावा है, इसमें कोई तार्किकता नहीं है और यह बदनाम करने के इरादे का संकेत है। वास्तव में ऐसा कोई संबंध है ही नहीं।'
बयान में कहा गया है कि यह वास्तव में दुखद है कि भारतीय राजनीति के एक छोटे से वर्ग ने इस मामले पर सार्वजनिक चर्चा का ध्यान भटकाने और उसे शांत करने का 'असफल' प्रयास किया है। सरकार ने बयान में कहा कि वे सरकार की प्रक्रियाओं की गति पर सवाल करते हैं, विशेष तौर पर जांच लेकिन वे यह नहीं पूछते कि भ्रष्टों ने पहले कैसे खरीद प्रक्रिया को प्रभावित किया और देश को नुकसान पहुंचाया।
भ्रष्ट लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा
उसने कहा, 'वे भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं करते, इसके बजाय वे निर्भीकता से कहते हैं कि 'यदि पकड़ सकते हो तो हमें पकड़ो।' उसने कहा कि सरकार ने सच्चाई बाहर लाने के लिए प्रभावी कदम उठाया है और इस मामले में भ्रष्टों और गलत करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
सरकार ने कहा, 'जांच एजेंसियां इस पाप के प्रमुख अपराधियों को देश के भीतर और बाहर दोनों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सरकार ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र को एक आरोपी से जोड़ने के प्रयासों को भी 'पूरी तरह से निराधार दावा और दुर्भावनापूर्ण इरादे का संकेत' करार दिया।
सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में कहा, 'जो लोग प्रधानमंत्री को सफल होते नहीं देख सकते हैं वे उन पर एक सौदा करने का संकेत दे रहे हैं। इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह का कोई सौदा नहीं किया है।'
बदनाम करने के इरादे के मनगढंत आरोप
सरकार ने कहा कि कुछ लोगों ने एक आरोपी को डोभाल और मिश्र से भी जोड़ने की कोशिश की। उसने कहा, 'यह पूरी तरह से बेबुनियाद दावा है, इसमें कोई तार्किकता नहीं है और यह बदनाम करने के इरादे का संकेत है। वास्तव में ऐसा कोई संबंध है ही नहीं।'
बयान में कहा गया है कि यह वास्तव में दुखद है कि भारतीय राजनीति के एक छोटे से वर्ग ने इस मामले पर सार्वजनिक चर्चा का ध्यान भटकाने और उसे शांत करने का 'असफल' प्रयास किया है। सरकार ने बयान में कहा कि वे सरकार की प्रक्रियाओं की गति पर सवाल करते हैं, विशेष तौर पर जांच लेकिन वे यह नहीं पूछते कि भ्रष्टों ने पहले कैसे खरीद प्रक्रिया को प्रभावित किया और देश को नुकसान पहुंचाया।
भ्रष्ट लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा
उसने कहा, 'वे भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं करते, इसके बजाय वे निर्भीकता से कहते हैं कि 'यदि पकड़ सकते हो तो हमें पकड़ो।' उसने कहा कि सरकार ने सच्चाई बाहर लाने के लिए प्रभावी कदम उठाया है और इस मामले में भ्रष्टों और गलत करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
सरकार ने कहा, 'जांच एजेंसियां इस पाप के प्रमुख अपराधियों को देश के भीतर और बाहर दोनों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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