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This Article is From Aug 29, 2020

कृषि की आत्मनिर्भरता, खाद्यानों की आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

विश्वविद्यालय ने 2014-15 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया और कृषि, बागवानी और वानिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चला रहा है.

कृषि की आत्मनिर्भरता, खाद्यानों की आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
झांसी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया. समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम ने बटन दबा कर विश्वविद्यालय के भवन का लोकार्पण किया. 

इस अवसर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 'कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी. आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है- मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा.इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है.'

पीएम ने कहा, 'जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है. बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है.  ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है'

उन्होंने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है. जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होने वाले हैं. 6 साल पहले जहां देश में सिर्फ 1 केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज 3 सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज़ देश में काम कर रही हैं. 

पीएम ने आगे कहा...'इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और  मोतीहारी में महात्मा गांधी इंटीग्रेटेड फार्मिंग संस्थान की स्थापना की जा रही है. ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा रिसर्चर्स को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा.'

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'इससे दो लाभ होंगे. एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा. दूसरा लाभ ये होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा.'

पीएम ने आगे कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है. प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए. बुंदेलखंड की करीब-करीब 10 लाख गरीब बहनों को इस दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं. लाखों बहनों के जनधन खाते में हज़ारों करोड़ रुपए जमा किए गए हैं:

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पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं.सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो. गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है.'

इससे पहले मोदी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था कि वह शनिवार को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और कृषि के साथ-साथ किसान कल्याण में अत्याधुनिक शोध में सहयोग होगा.

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विश्वविद्यालय ने 2014-15 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया और कृषि, बागवानी और वानिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चला रहा है.

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