जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की फाइल फोटो
श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ब्रिटिश संसद में दिए गए भाषण की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा और कहा कि उनके बेहतरीन भाषण पर 'हम क्यों गौरवान्वित नहीं हो सकते।'
उमर ने एक ट्विटर अकाउंट पर किए गए ट्वीट के जवाब में कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश संसद में वहां के सांसदों के समक्ष बेहतरीन भाषण दिया। हम उससे क्यों गौरवान्वित नहीं हो सकते।'
यह अकाउंट कांग्रेस स्वयंसेवियों का हैंडल होने का दावा करता है। इस ट्वीट में कहा गया था, 'प्रधानमंत्री ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित नहीं किया, बल्कि रॉयल गैलरी में सांसदों के समक्ष भाषण दिया। यह झूठ भी पकड़ा गया।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पूछे गए कुछ सवालों पर टिप्पणी की कि यह मानना सुरक्षित होगा कि ब्रिटिश प्रेस को पूछे जाने वाले सवालों के बारे में 'सुझाव' नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि हम यह सुरक्षित रूप से मान सकते हैं कि ब्रिटिश प्रेस को यह 'सुझाव' नहीं दिया गया था कि क्या पूछें और क्या नहीं। कुछ काफी कटु सवाल पूछे गए।'
हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि ब्रिटिश अखबार 'गार्डियन' द्वारा पूछे गए सवाल का दूसरा हिस्सा प्रधानमंत्री के लिहाज से 'अनुचित' था। 'गार्डियन' के संवाददाता ने प्रदर्शनों के बारे में मोदी से सवाल किया था कि लंदन की सड़कों पर यह कहते हुए प्रदर्शन हुए हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके रिकॉर्ड को देखते हुए वह उस सम्मान के हकदार नहीं हैं, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को सामान्य तौर पर मिलता है।
उमर ने एक ट्विटर अकाउंट पर किए गए ट्वीट के जवाब में कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश संसद में वहां के सांसदों के समक्ष बेहतरीन भाषण दिया। हम उससे क्यों गौरवान्वित नहीं हो सकते।'
The Indian PM made an excellent speech to British MPs in their Parliament. Why can't we just take pride in that???? https://t.co/O6Nt1ZlaUJ
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) November 13, 2015
यह अकाउंट कांग्रेस स्वयंसेवियों का हैंडल होने का दावा करता है। इस ट्वीट में कहा गया था, 'प्रधानमंत्री ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित नहीं किया, बल्कि रॉयल गैलरी में सांसदों के समक्ष भाषण दिया। यह झूठ भी पकड़ा गया।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पूछे गए कुछ सवालों पर टिप्पणी की कि यह मानना सुरक्षित होगा कि ब्रिटिश प्रेस को पूछे जाने वाले सवालों के बारे में 'सुझाव' नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि हम यह सुरक्षित रूप से मान सकते हैं कि ब्रिटिश प्रेस को यह 'सुझाव' नहीं दिया गया था कि क्या पूछें और क्या नहीं। कुछ काफी कटु सवाल पूछे गए।'
हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि ब्रिटिश अखबार 'गार्डियन' द्वारा पूछे गए सवाल का दूसरा हिस्सा प्रधानमंत्री के लिहाज से 'अनुचित' था। 'गार्डियन' के संवाददाता ने प्रदर्शनों के बारे में मोदी से सवाल किया था कि लंदन की सड़कों पर यह कहते हुए प्रदर्शन हुए हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके रिकॉर्ड को देखते हुए वह उस सम्मान के हकदार नहीं हैं, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को सामान्य तौर पर मिलता है।
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