प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागिरकता संशोधन कानून के बाद पहली बार असम दौरे पर पहुंचे. असम में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कभी-कभी लोग मोदी को डंडा मारने की बाते कहते हैं. लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी संख्या में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं, उसको कुछ नहीं होता. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज जो उत्साह, जो उमंग मैं आपके चेहरे पर देख रहा हूं, वो यहां के 'आरोनाई' और 'डोखोना' के रंगारंग माहौल से भी अधिक संतोष देने वाला है. आज का दिन उन हज़ारों शहीदों को याद करने का है, जिन्होंने देश के लिए अपने कर्तव्य पथ पर जीवन बलिदान किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आज असम के हर साथी को ये आश्वस्त करने आया हूं, कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता को, इसके समर्थकों को,देश न बर्दाश्त करेगा, न माफ करेगा. यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं, कि CAA से यहां, बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा.
साथ ही पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन, इस समझौते के लिए बहुत सकारात्मक भूमिका निभाने वाले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंड ऑफ बोडोलैंड से जुड़े तमाम युवा साथियों, BTC के चीफ श्रीहगरामामाहीलारेऔर असम सरकार की प्रतिबद्धता को अभिनंदन करने का है. आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा का स्वागत करने का है. मैं न्यू इंडिया के नए संकल्पों में आप सभी का, शांतिप्रिय असम का, शांति और विकास प्रिय नॉर्थईस्ट का स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं.
साथ ही उन्होंने कहा, अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र को स्वीकार किया है, भारत के संविधान को स्वीकार किया है. मैं बोडो लैंड मूवमेंट का हिस्सा रहे सभी लोगों का राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने पर स्वागत करता हूं. पांच दशक बाद पूरे सौहार्द के साथ बोडो लैंड मूवमेंट से जुड़े हर साथी की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को सम्मान मिला है. अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्डपर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली प्राथमिकता है और आखिरी भी.
पीएम ने साथ ही कहा, अकॉर्ड के तहत BTAD में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा. इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपए का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा. अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए. मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी. आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि बोडो टैरिटोरियल काउंसिल अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी. बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही कहा, देश के सामने कितनी ही चुनौतियां रही हैं जिन्हें कभी राजनीतिक वजहों से, कभी सामाजिक वजहों से, नजरअंदाज किया जाता रहा है। इन चुनौतियों ने देश के भीतर अलग-अलग क्षेत्रों में हिंसा और अस्थिरता को बढ़ावा दिया है. हमने नॉर्थईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों के भावनात्मक पहलू को समझा, उनकी उम्मीदों को समझा, यहां रह रहे लोगों से बहुत अपनत्व के साथ, उन्हें अपना मानते हुए संवाद कायम किया. जिस नॉर्थईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं.
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