यह ख़बर 31 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

प्रधानमंत्री को लोकपाल दायरे में लाना उचित नहीं : पीएम

खास बातें

  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाया जाना उचित परामर्श नहीं है।
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाया जाना उचित परामर्श नहीं है। सिंह ने कहा, देखिए, सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने यह राय बनाई है। प्रधानमंत्री को इस पद से हटने तक लोकपाल के दायरे में लाना परामर्शयोग्य नहीं है। बहरहाल, इससे पहले सिंह ने कहा था कि वह निजी तौर पर इस पद को लोकपाल के दायरे में लाए जाने के विरुद्ध नहीं हैं। इस महीने की 28 तारीख को हुई कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक के मसौदे को मंजूर किए जाने से पहले चर्चा के दौरान भी सिंह ने प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में लाने की अपनी राय रखी थी, लेकिन मंत्रिमंडल ने उनके विचार को नहीं माना। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने से केन्द्र में संस्थागत स्थाई अस्थिरता की स्थिति पैदा हो जाएगी। प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में नहीं लाने के विरोध में अन्ना हजारे द्वारा 16 अगस्त से फिर से अनशन करने के संबंध में सिंह ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, लोकपाल विधेयक तैयार है। लोकपाल विधेयके के भाग्य का फैसला संसद करेगी। लोकतंत्र में संसद संप्रभु इकाई है और उसे अपना काम-काज और कर्तव्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।


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