पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नई स्कीम शुरू करने की बात कही थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि बैंकों में ज्यादा पैसा आने पर अक्सर बैंक जमा राशि पर ब्याज दर घटा देते हैं. लेकिन इस समस्या से वरिष्ठ नागरिकों को दूर रखने के लिए उन्होंने एक स्थिर ब्याज दर की बात कही थी.
प्रधानमंत्री ने कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों को 10 साल के लिए 7.5 लाख रुपये की जमा पर 8 फीसदी ब्याज मिलेगा और इस ब्याज को वरिष्ठ नागरिक समय-समय पर निकाल भी सकेंगे, लेकिन इस स्कीम को लेकर कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति है.
इस के बारे में आप को बताएंगे लेकिन, बैंक और डाकघरों में पहले भी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना चल रही है. कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि वह स्कीम और प्रधानमंत्री के द्वारा घोषित नई स्कीम में क्या फर्क है..?
वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम :
वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम के तहत वह आदमी खाता खोल सकता है जिसकी आयु, खाता खोलने की तारीख तक 60 वर्ष या उससे अधिक हो. जो व्यक्ति अधिवर्षिता पर अथवा सेवानिवृत्त हो रहे हैं पर, खाता खोलने की तारीख को उनकी आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, किन्तु 60 वर्ष से कम है. आयु सीमा की परवाह किए बगैर अधिवर्षता पर सेवानिवृत्त हुए रक्षा कार्मिक (सिविलियन रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर) यह खाता खोल सकते हैं.
जमाकर्ता 5 वर्ष की अवधि के लिए बैंक या डाकघर में 15 लाख रुपये तक जमा करके खाता खोल सकते हैं. जमाकर्ता, खाते की परिपक्वता के बाद 1 वर्ष की अवधि के भीतर लिखित अनुरोध करके ऐसे खाते को 3 वर्ष की अवधि के लिए आगे विस्तार दे सकते हैं. इस स्कीम के तहत ब्याजदर बदलती रहती है. ब्याज दर तिमाही है यानी तीन महीने में एक बार खाता धारक अपना पैसा उठा सकता है.
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित नई स्कीम :
प्रधानमंत्री मोदी जिस स्कीम की बात कह रहे हैं वह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना से अलग है. अब सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.5 लाख रुपये तक की राशि पर 10 साल तक के लिए सालाना 8 प्रतिशत का ब्याज दर तय करने का ऐलान किया है. ब्याज की यह राशि वरिष्ठ नागरिक हर महीने पा सकते हैं. इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा है यह है कि उन्हें सावधि जमा पर एक निर्धारित ब्याजदर मिलेगा.
आर्थिक मामले के जानकारों का मतः
आर्थिक मामले के जानकार सूर्य भाटिया का कहना है यह एक अच्छा स्कीम है और इस स्कीम का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि अगर बैंक के ब्याजदर कम हो जाते हैं तो इसका असर वरिष्ठ नागरिकों पर नहीं पड़ेगा.
सूर्य भाटिया बताते हैं कि अब वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, लेकिन इस स्कीम के तहत यह 8 प्रतिशत हो जाएगा. इस स्कीम के तहत नुकसान तब हो सकता है जब सामान्य ब्याज दर आठ प्रतिशत से ज्यादा पहुंचता है. इस बारे में सरकार के तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है. इस स्कीम का समय दस साल का है. दस साल से पहले अगर कोई इस स्कीम से निकल जाता है तो उसको कितना नुकसान होगा, दिशा-निर्देश आने के बाद यह साफ़ हो पाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों को 10 साल के लिए 7.5 लाख रुपये की जमा पर 8 फीसदी ब्याज मिलेगा और इस ब्याज को वरिष्ठ नागरिक समय-समय पर निकाल भी सकेंगे, लेकिन इस स्कीम को लेकर कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति है.
इस के बारे में आप को बताएंगे लेकिन, बैंक और डाकघरों में पहले भी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना चल रही है. कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि वह स्कीम और प्रधानमंत्री के द्वारा घोषित नई स्कीम में क्या फर्क है..?
वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम :
वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम के तहत वह आदमी खाता खोल सकता है जिसकी आयु, खाता खोलने की तारीख तक 60 वर्ष या उससे अधिक हो. जो व्यक्ति अधिवर्षिता पर अथवा सेवानिवृत्त हो रहे हैं पर, खाता खोलने की तारीख को उनकी आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, किन्तु 60 वर्ष से कम है. आयु सीमा की परवाह किए बगैर अधिवर्षता पर सेवानिवृत्त हुए रक्षा कार्मिक (सिविलियन रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर) यह खाता खोल सकते हैं.
जमाकर्ता 5 वर्ष की अवधि के लिए बैंक या डाकघर में 15 लाख रुपये तक जमा करके खाता खोल सकते हैं. जमाकर्ता, खाते की परिपक्वता के बाद 1 वर्ष की अवधि के भीतर लिखित अनुरोध करके ऐसे खाते को 3 वर्ष की अवधि के लिए आगे विस्तार दे सकते हैं. इस स्कीम के तहत ब्याजदर बदलती रहती है. ब्याज दर तिमाही है यानी तीन महीने में एक बार खाता धारक अपना पैसा उठा सकता है.
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित नई स्कीम :
प्रधानमंत्री मोदी जिस स्कीम की बात कह रहे हैं वह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना से अलग है. अब सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.5 लाख रुपये तक की राशि पर 10 साल तक के लिए सालाना 8 प्रतिशत का ब्याज दर तय करने का ऐलान किया है. ब्याज की यह राशि वरिष्ठ नागरिक हर महीने पा सकते हैं. इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा है यह है कि उन्हें सावधि जमा पर एक निर्धारित ब्याजदर मिलेगा.
आर्थिक मामले के जानकारों का मतः
आर्थिक मामले के जानकार सूर्य भाटिया का कहना है यह एक अच्छा स्कीम है और इस स्कीम का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि अगर बैंक के ब्याजदर कम हो जाते हैं तो इसका असर वरिष्ठ नागरिकों पर नहीं पड़ेगा.
सूर्य भाटिया बताते हैं कि अब वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, लेकिन इस स्कीम के तहत यह 8 प्रतिशत हो जाएगा. इस स्कीम के तहत नुकसान तब हो सकता है जब सामान्य ब्याज दर आठ प्रतिशत से ज्यादा पहुंचता है. इस बारे में सरकार के तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है. इस स्कीम का समय दस साल का है. दस साल से पहले अगर कोई इस स्कीम से निकल जाता है तो उसको कितना नुकसान होगा, दिशा-निर्देश आने के बाद यह साफ़ हो पाएगा.
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