प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आंध्रप्रदेश के विभाजन से बनने वाले राज्यों के लिए गुरुवार को छह सूत्रीय विकास पैकेज की घोषणा की जिसमें सीमांध्र के लिए कर प्रोत्साहन सहित विशेष राज्य का दर्जा देना शामिल है। राज्यसभा में हंगामे के बीच, दोनों राज्यों के लिए कई घोषणाएं करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि कुछ अन्य राज्यों की तरह ही दोनों राज्यों के औद्योगीकरण को बढ़ावा और आर्थिक विकास के लिए कर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
जब प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की तब कांग्रेस सदस्यों ने उनके आसपास सुरक्षा घेरा बना रखा था। इससे पहले सीमांध्र क्षेत्र से आने वाले सांसद तृणमूल और शिवसेना सदस्य आसन के समक्ष आ गए। तृणमूल सदस्यों ने दस्तावेज फाड़े और उनके टुकड़े सदन में उछाल दिए।
तेलंगाना विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए सिंह ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि केंद्र पोलावरम कृषि परियोजना को यथाशीघ्र कार्यान्वित करेगा।
सिंह ने कहा 'हमारी सरकार पोलावरम परियोजना कार्यान्वित करेगी, इस बारे में कोई शक नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश के 13 जिलों वाले राज्य को केंद्रीय सहायता की खातिर विशेष श्रेणी का दर्जा पांच साल की अवधि के लिए दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें रायलसीमा के चार जिले और उत्तर तटीय आंध्र के तीन जिले भी शामिल होंगे ताकि राज्य की वित्तीय व्यवस्था मजबूत हो सके।
सिंह ने कहा कि सीमांध्र राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के लिए विशेष विकास पैकेज की घोषणा विधेयक में पहले ही की जा चुकी है, खास कर रायलसीमा और उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश के लिए।
उन्होंने कहा कि विकास पैकेज ओडिशा के केबीके (कोरापुट-बोलांगीर-कालाहांडी) विशेष योजना और मध्यप्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड विशेष पैकेज की तरह होगा। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि नये राज्य के गठन के लिए तारीख अधिसूचित तारीख के मुताबिक तय की जाएगी ताकि कार्मिक, वित्त और संपत्ति तथा दायित्वों के वितरण संबंधी आवश्यक कार्य संतोषपूर्ण तरीके से पूरे किए जा सकें।
सिंह ने कहा 'मुझे उम्मीद है कि यह अतिरिक्त घोषणाएं न सिर्फ तेलंगाना के गठन के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता जाहिर करेगी बल्कि सीमांध्र के कल्याण और समृद्धि की निरंतरता भी बताएंगी।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश के शेष हिस्से (सीमांध्र) में पहले साल संसाधनों की कमी की भरपाई वर्ष 2014-15 के नियमित केंद्रीय बजट में की जाएगी।
यह अंतराल राज्य के गठन के दिन से केंद्र सरकार के 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने के दिन के बीच की अवधि का हो सकता है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता, सभी सदस्यों खास कर आंध्रप्रदेश के सदस्यों के विचारों को ध्यानपूर्वक सुना और गृहमंत्री उन कदमों के बारे में पहले ही बता चुके हैं जो सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों की, विशेष तौर पर सीमांध्र की चिंताएं दूर करने के लिए उठाएगी।
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