उबर समेत कई दूसरी टैक्सी सर्विस कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली हाईकोर्ट मंगलवार को दायर एक अर्जी पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। यह सुनवाई शुक्रवार को होगी।
दरअसल, उबर सहित अन्य कंपनियां, जो वेब आधारित टैक्सी सर्विस मुहैया करवाती हैं उन पर आईटी नियमों के उल्लघंन करने के आरोप में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। हाईकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में कहा गया है उबर सहित ऐसी कंपनियों ने शिकायत अधिकारी अपनी कंपनी में नहीं नियुक्त किया है, जो दिल्ली हाईकोर्ट के 23 अगस्त 2013 के आदेश का उल्लंघन है।
इंटरनेट कंपनी और मुनाफा कमानेवाली कंपनी होने के बावजूद ऐसी कंपनियों ने सर्विस टैक्स का भुगतान नहीं किया है, जो दिल्ली हाईकोर्ट के 28/11/2014 के आदेश का उल्लंघन है। ऐसी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर करवाती हैं, जबकि नियमों के मुताबिक, डिजिटल सिग्नेचर होना चाहिए, जिसके तहत साइन करने वाले की उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए और उसका हस्ताक्षर सत्यापित होना चाहिए।
अर्जी में यह भी कहा गया है कि ऐसी कंपनियों से कानून का पालन करवाया जाए और ऐसा न करने की सूरत में इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
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