देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार से देश का पहला प्लाज़्मा डोनेशन बैंक खुल गया है. कोरोनावायरस से लड़ रही दिल्ली में मरीजों के इलाज की दिशा में यह बड़ा कदम साबित होगा. कोरोनावायरस से फैली कोविड-19 महामारी में मरीजों के इलाज के लिए प्लाज़्मा थेरेपी का सहारा लिया जा रहा है, जो कारगर नजर आ रही है, जिसके बाद प्लाज़मा सुगमता से उपलब्ध हो सके इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से यह प्लाज़्मा बैंक खोला गया है. जरूरत पड़ने पर प्लाज़्मा मिलने में बहुत मुश्किलें आती हैं, ऐसे में इस कदम से कुछ मदद मिल सकती है.
हालांकि, प्लाज़्मा डोनेट करने को लेकर कुछ शर्तें होती हैं, जिनके चलते कितनी संख्या में योग्य डोनर मिल पाएंगे, इसपर कुछ कहना मुश्किल होगा. तो जानते हैं कि आखिर प्लाज़्मा डोनेट करने की शर्तें क्या हैं और क्यों प्लाज़्मा मिलना मुश्किल होता है.
क्यों मुश्किल होता है प्लाज़्मा मिलना?
दिल्ली में इस समय और आज की तारीख में कुल 17,457 ऐसे लोग हैं जिनको कोरोना हुआ और अब ठीक हुए 14 दिन का समय हो चुका है. लेकिन इसके बाद व्यक्ति प्लाज़्मा डोनेट कर सकता है या नहीं उसके लिए 10 शर्तें हैं जिसके चलते डोनर की संख्या घट जाती है.
कौन प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकता?
1. जिनका वजन 50 किलो से कम है.
2. महिलाएं जो कभी भी प्रेग्नेंट रही हो या अभी हों.
3. डायबिटीज के मरीज जो इंसुलिन ले रहे हो.
4. ब्लड प्रेशर 140 से ज्यादा हो.
5. ऐसे मरीज जिनको बेकाबू डायबिटीज हो या हाइपरटेंशन हो.
6. कैंसर से ठीक हुए व्यक्ति.
7. जिन लोगों को गुर्दे/ह्रदय/ फेफड़े या लीवर की पुरानी बीमारी हो.
8. उम्र 18 सेेके कम या 60 से ज़्यादा है.
9. जो लोग स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि दिल्ली में प्लाज़्मा डोनेशन बैंक खुलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया ने कहा है कि प्लाज़्मा डोनेशन का कॉन्सेप्ट नया है लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित है और लोग इंसानियत के नाते दूसरों की मदद करने जरूर आएंगे.
Video: प्लाज्मा डोनेट करना पूरी तरह सुरक्षित : अरविंद केजरीवाल
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