यह ख़बर 09 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

पायलट की सूझबूझ से बाल-बाल बचे मुंडा और अन्य

खास बातें

  • तकनीकी खराबी आने के बाद हेलीकॉप्टर को रांची हवाईअड्डे पर क्रैश लैंड कराने वाले पायलट कैप्टन बीके सिंह की ही यह सूझबूझ है कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा और तीन अन्य का जीवन बच सका।
रांची:

तकनीकी खराबी आने के बाद हेलीकॉप्टर को बुधवार को रांची हवाईअड्डे पर क्रैश लैंड कराने वाले पायलट कैप्टन बीके सिंह की ही यह सूझबूझ है कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा और तीन अन्य का जीवन बच सका।

हवाईअड्डे पर क्रैश लैंड कराए जाने के बाद हेलीकॉप्टर हवाईपट्टी के एक तरफ गिर गया। इस हादसे में मुख्यमंत्री को चोटें आईं। मुंडा के साथ हेलीकॉप्टर में उनकी पत्नी, सह-पायलट कमांडर कौशिक, उनका सुरक्षा अधिकारी मनोज सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बड़कुंवर गगराई सवार थे।

तकनीकी गड़बड़ी के बाद हेलीकॉप्टर दिन के 12.25 बजे हवाईपट्टी पर क्रैश लैंड किया। हेलीकॉप्टर ने रांची से सुबह 11.45 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन वह सरायकेला खरसावां जिले के कुचई में उतर नहीं पाया और वापस लौट आया।

गगराई ने पत्रकारों को बताया, "पायलट की सूझबूझ ने हेलीकॉप्टर को उतरने में मदद की। कुचई पहुंचने पर पायलट ने हमें बताया कि हेलीकॉप्टर को उतारने में कुछ तकनीकी दिक्कत है। इस पर हेलीकॉप्टर वापस रांची लौटा और हवा में चक्कर लगाए, इंजन में तेल को खत्म किया गया और फिर कै्रश लैंड किया।"

पुलिस सूत्रों ने बताया कि हेलीकॉप्टर 10 से 55 फिट की ऊंचाई से जमीन पर उतरा। जानकार सूत्रों ने बताया कि पायलट ने हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी का पता लगा लिया था और उसने रांची एटीसी से सम्पर्क साधा। रांची हवाईअड्डे पर हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारने की चार बार कोशिश नाकाम हुई।

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क्रैश लैंडिंग करने से पहले हेलीकॉप्टर ने ईंधन खत्म करने के लिए हवा में चक्कर काटे ताकि तेजी के साथ नीचे गिरने के बाद हेलीकॉप्टर में आग न लगे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। बताया गया कि मुख्यमंत्री मुंडा जिस अगस्टा-009 हेलीकॉप्टर पर सवार थे, वह 20 वर्ष पुराना है।