विज्ञापन
This Article is From Jun 24, 2016

छत्तीसगढ़ में नहीं चलेंगी 12 साल पुरानी गाड़ियां, पर्यावरण बचाने के लिए हुआ फैसला

छत्तीसगढ़ में नहीं चलेंगी 12 साल पुरानी गाड़ियां, पर्यावरण बचाने के लिए हुआ फैसला
प्रतीकात्मक फोटो
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में प्रदूषण रोकने की दिशा में कारगर कदम उठाते हुए 12 साल पुरानी बसों और 10 साल पुराने ट्रकों को परमिट नहीं देने का निर्णय लिया है। राज्य में आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष अमन कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को कठोर उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

सिंह ने कहा कि राज्य शासन द्वारा व्यापक जनहित में प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यकतानुसार प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए राज्य में पुराने वाहनों पर पाबंदी लगाने और रायपुर के आस-पास अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करने का निर्णय भी लिया गया है।

पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष अमन कुमार सिंह ने बताया कि प्रदूषण रोकने के लिए राज्य में बारह साल से अधिक पुरानी बसों को चलाने का परमिट नहीं दिया जाएगा। बसों के परिचालन मार्गो की लम्बाई चाहे कितनी भी हो। लंबी दूरी के मार्गों पर बारह साल से ज्यादा पुरानी बसों को पहले से ही परमिट नहीं दिया जा रहा है।

यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य में दस साल से पुराने ट्रकों को कोई परमिट नहीं दिया जाएगा। ट्रक मालिकों को गाड़ी बदलने के लिए एक साल का समय दिया जाएगा। अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाले आठ साल से पुराने व्यावसायिक परिवहन वाहनों का राज्य में पंजीयन नहीं किया जाएगा।

सिंह ने बताया कि रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर शहरों में दस साल पुराने सभी डीजल चलित वाहनों, आटो और छोटे माल वाहक वाहनों को चलाने का परमिट नहीं देने का भी निर्णय लिया गया है। इन वाहनों के परिवर्तन के लिए एक वर्ष की सीमा तय की गयी है। इस सीमा के बाद इन वाहनों को चलाने का परमिट नहीं दिया जाएगा। इन शहरों में ई-रिक्शा को प्रोत्साहित करने और पुराने वाहन मालिकों के लिए नये वाहनों की खरीदी के लिए शहरी विकास विभाग योजना तैयार करेगा। अधिकारी ने बताया कि राजधानी रायपुर के आस-पास स्थापित औद्योगिक इकाईयों से फैलने वाले प्रदूषण की ऑन लाईन निगरानी की जाएगी। यदि इन इकाईयों से निर्धारित मापदण्ड से अधिक उत्सर्जन अधिक पाया जाता है, तो ऐसी इकाईयों को बंद करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी।

अमन कुमार सिंह ने बताया कि रायपुर शहर में ठोस अपशिष्ट और जैव अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। राज्य में रेल्वे लाइन के आस-पास की बसाहटों में कोयला जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत सर्वे कर गरीब परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए जाएंगे।

वहीं छत्तीसगढ़ पर्यावरण मण्डल द्वारा उद्योगों, बिल्डरों, गृह निर्माण मण्डल और रायपुर विकास प्राधिकरण के सहयोग से इस वर्ष बारिश में रायपुर में 23.90 लाख पौधे लगाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इनमें से उद्योगों से उनके एक तिहाई क्षेत्र में 13.40 लाख पौधे लगवाए जाएंगे। बिल्डरों, गृह निर्माण मण्डल और रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अपनी कॉलोनियों में पांच लाख पौधे और नया रायपुर में 5.5 लाख पौधे लगाए जाएंगे। सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रायपुर शहर में घरेलू गंदे पानी के शोधन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए जल्द कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
छत्तीसगढ़ सरकार, प्रदूषण, पर्यावरण, अमन कुमार सिंह, Chhattisgarh Government, Pollution Control, Transport