चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा मुख्यालय पर फूलों की माला पहनाकर पीएम मोदी का स्वागत किया गया था. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के शनिवार को आए चुनाव परिणामों का उल्लेख करते हुए आज कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों ने एकमत से भाजपा के पक्ष में मतदान कर नफरत की राजनीति को नकार दिया है. उन्होंने यह भी कहा, 'महत्वपूर्ण यह है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ.' भाजपा ने त्रिपुरा में वाम के गढ़ को ढहाते हुए शानदार जीत दर्ज की, वहीं नागालैंड में उसकी भागीदारी वाली सरकार बनने की संभावना है. मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश आया है.
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'उत्तर-पूर्व में आदिवासी भाई-बहनों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एकतरफा मतदान करके नफरत की राजनीति को नकार दिया है.' उन्होंने कर्नाटक के तुमकूर में एक युवा सम्मेलन को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही. यह सम्मेलन स्वामी विवेकानन्द द्वारा शिकागो संबोधन के 125वें वर्ष और भगिनी निवेदिता के 150 वें जन्म वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया.
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'युवा शक्ति : भारत के लिए एक नयी दृष्टि' विषय पर इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'युवा पीढ़ी से किसी भी प्रकार का संवाद हो, उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. इसलिए मैं यथासंभव प्रयास करता हूं कि युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मिलूं, उनसे बात करूं, उनके अनुभव सुनूं. उनकी आशाएं, उनकी आकांक्षाएं जानकर, उनके मुताबिक कार्य कर सकूं, इसका मैं निरंतर प्रयत्न करता हूं.' उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने एकीकरण का काम किया, जिससे पूर्वोत्तर के लोगों में शेष देश से अलग-थलग होने की भावना दूर हुई.
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उन्होंने कहा, 'एकीकरण की इस लहर को कर्नाटक के लोगों में भी महसूस किया जा सकता है.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आपने देखा कि परसों, पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ था. कल पूर्वोत्तर के नतीजों ने फिर एक बार पूरे देश में उत्सव का वातावरण बना दिया.' उन्होंने कहा, 'मैं इसे एक पार्टी की जीत, एक पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखता हूं. महत्वपूर्ण ये है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ.'
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उन्होंने कहा कि तुमकूर का ये स्टेडियम इस समय हजारों विवेकानंद, हजारों भगिनी निवेदिता की ऊर्जा से दमक रहा है. हर तरफ केसरिया रंग इस ऊर्जा को और बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के तीनों योजनों के केंद्र बिंदु स्वामी विवेकानंद हैं. कर्नाटक पर तो स्वामी विवेकानंद जी का विशेष स्नेह रहा है. अमेरिका जाने से पहले, कन्याकुमारी जाने से पहले वो कर्नाटक में कुछ दिन रुके थे. यहां तीर्थों की बात हो रही है, तो प्रौद्योगिकी की भी चर्चा है. यहां, ईश्वर की भी बात हो रही है और नए अभिनव प्रयासों की भी चर्चा है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'कट्टरपंथ का जवाब एकीकरण से ही दिया जा सकता है.'
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'उत्तर-पूर्व में आदिवासी भाई-बहनों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एकतरफा मतदान करके नफरत की राजनीति को नकार दिया है.' उन्होंने कर्नाटक के तुमकूर में एक युवा सम्मेलन को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही. यह सम्मेलन स्वामी विवेकानन्द द्वारा शिकागो संबोधन के 125वें वर्ष और भगिनी निवेदिता के 150 वें जन्म वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया.
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'युवा शक्ति : भारत के लिए एक नयी दृष्टि' विषय पर इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'युवा पीढ़ी से किसी भी प्रकार का संवाद हो, उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. इसलिए मैं यथासंभव प्रयास करता हूं कि युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मिलूं, उनसे बात करूं, उनके अनुभव सुनूं. उनकी आशाएं, उनकी आकांक्षाएं जानकर, उनके मुताबिक कार्य कर सकूं, इसका मैं निरंतर प्रयत्न करता हूं.' उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने एकीकरण का काम किया, जिससे पूर्वोत्तर के लोगों में शेष देश से अलग-थलग होने की भावना दूर हुई.
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उन्होंने कहा, 'एकीकरण की इस लहर को कर्नाटक के लोगों में भी महसूस किया जा सकता है.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आपने देखा कि परसों, पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ था. कल पूर्वोत्तर के नतीजों ने फिर एक बार पूरे देश में उत्सव का वातावरण बना दिया.' उन्होंने कहा, 'मैं इसे एक पार्टी की जीत, एक पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखता हूं. महत्वपूर्ण ये है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ.'
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उन्होंने कहा कि तुमकूर का ये स्टेडियम इस समय हजारों विवेकानंद, हजारों भगिनी निवेदिता की ऊर्जा से दमक रहा है. हर तरफ केसरिया रंग इस ऊर्जा को और बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के तीनों योजनों के केंद्र बिंदु स्वामी विवेकानंद हैं. कर्नाटक पर तो स्वामी विवेकानंद जी का विशेष स्नेह रहा है. अमेरिका जाने से पहले, कन्याकुमारी जाने से पहले वो कर्नाटक में कुछ दिन रुके थे. यहां तीर्थों की बात हो रही है, तो प्रौद्योगिकी की भी चर्चा है. यहां, ईश्वर की भी बात हो रही है और नए अभिनव प्रयासों की भी चर्चा है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'कट्टरपंथ का जवाब एकीकरण से ही दिया जा सकता है.'
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